नई दिल्ली:enewsmpवित्त सचिव अशोक लवासा की अगुवाई वाली एक उच्चस्तरीय समिति ने 47 लाख सरकारी कर्मचारियों के भत्तों पर अपनी रिपोर्ट वित्त मंत्री अरुण जेटली को सौंपी. अशोक लवासा समिति का गठन पिछले साल जून में सरकार द्वारा सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू किए जाने के बाद किया गया था. वेतन समिति ने अभिनय, खजांची की सहायता, साइकिल, मसाला, उड़न दस्ता, बालों की कटिंग, राजभाषा, राजधानी, पोशाक, जूता, शॉर्टहैंड, साबुन, चश्मा, यूनिफार्म, सतर्कता और धुलाई जैसे भत्तों को समाप्त करने या उन्हें समाहित करने का सुझव दिया था. जेटली को रिपोर्ट सौंपने के बाद लवासा ने कहा कि समिति ने विभिन्न अंशधारकों द्वारा दिए गए सुझावों पर ध्यान दिया है. उन्होंने कहा कि अब इस रिपोर्ट की समीक्षा सचिवों की अधिकार प्राप्त समिति करेगी और उसके बाद इसके मंत्रिमंडल के समक्ष रखा जाएगा. समिति ने 196 भत्तों में से 52 को पूरी तरह समाप्त करने और 36 अन्य को अन्य बड़े भत्तों में समाहित करने का सुझाव दिया है. समिति ने आवास किराया भत्ते :एचआरए: में 8 से 24 प्रतिशत की वृद्धि का सुझाव दिया है. यदि वेतन आयोग की भत्तों पर सिफारिशों को पूरी तरह लागू किया जाता है तो एक अनुमान के अनुसार इससे सरकार पर 29,300 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा. लवासा ने कहा कि सरकार सरकारी कर्मचारियों को संशोधित भत्तों के भुगतान की तारीख पर अंतिम फैसला करेगी.