मझौली(संजय सिंह)-सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मझौली में इंसानियत को झकझोर तथा मानवता को तार-तार कर देंने वाली घटना सामने आयी है| यहाँ प्रसव पीडिता को स्वास्थ्य केंद्र लाने के लिये न तो जाननी एक्सप्रेस उपलब्ध करवाई गयी और ना ही उसके मृत्यु के बाद शव वाहन दिया गया| मृतक के परिजनों द्वारा शव को 8 किलोमीटर दूर सायकल से ले जाया गया लेकिन प्रशासन तथा स्वास्थ्य केंद्र के बीएमओ की मर चुकी इंसानियत की वजह से उनको शव वाहन तक नहीं उपलब्ध हो सका | मिली जानकारी के अनुसार प्रसव पीड़ा होने पर प्रसूता रितु पति ललन बंसल उम्र 20 वर्ष को उसके पति द्वारा मोटर सायकल से स्वास्थ्य केंद्र लाया गया था| प्रसव पीड़ित को स्वास्थ्य केंद्र तक लाने के लिये प्रशासन की घोर लापरवाही की वजह से कोई भी वाहन उपलब्ध नहीं करवाया गया था| जिसकी वजह से मजबूरी में उसके पति द्वारा बाइक से मझौली स्वास्थ्य केंद्र लाया गया था| जहाँ जाँच के बाद उसे प्रसव के लिए भर्ती भी कर लिया गया तथा उसे सामान्य प्रसव द्वारा लड़का पैदा हुआ एवं उसकी स्थित भी उपस्थित स्टाफ नर्स द्वारा सामान्य बताई गयी, लेकिन प्रसव के लगभग 2 घण्टे बाद उसकी अचानक से मौत हो गयी| प्रसूता की मौत हो जाने पर उसके परिजनों की ख़ुशी मातम में बदल गयी ।वहीं प्रसूता की मृत्यू बाद प्रसव कराने वाली स्टाफ नर्स प्रवीण गुप्ता व वी.एम.ओ. डॉ.आर के सतनामी सीएचसी से नदारद हो गए| इस घटना के बाद पीड़ित परिजन नवजात बच्चे को लेकर यहाँ-वहाँ बिलखते व भटकते रहे लेकिन स्वास्थ्य बिभाग की मर चुकी इंसानियत की वजह से उनकी चीख पुकार सुनने वाला वहां कोई नहीं था| परिजनों द्वारा काफी प्रयास के बाद भी जब शव वाहन उपलब्ध नहीं करवाया गया तो थक हार कर रात 12 बजे शव को सायकल में रख कर 8 किलो मीटर गृह ग्राम पांड ले जाया गया। मानवता होती रही शर्मसार, एसडीएम व बीएमओ सोते रहे चैन की नींद :- यह घटना आग की तरह पुरे मझौली क्षेत्र में फ़ैल गयी लेकिन स्वास्थ्य केंद्र से लगभग 100 मीटर की दूरी पर निवासरत विकासखंड अधिकारी मनोज मालवीय व बीएमओ आर.के.सतनामी को नहीं हो पाई जब लोगों द्वारा मोबाईल के माध्यम से उनसे संम्पर्क करने की कोशिश की गयी तो उनका मोबाइल बन्द रहा|