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PM मोदी का भावुक खुलासा: ‘सोचा नहीं था नेता बनूंगा’, न्यूयॉर्क में प्रवासियों से बोले...

नई दिल्ली (ईन्यूज एमपी)- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने न्यूयॉर्क में भारतीय प्रवासियों को संबोधित करते हुए अपने जीवन के संघर्षों और राजनीति में आने के सफर की कहानी साझा की। उन्होंने कहा कि उन्होंने कभी मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री बनने की कल्पना नहीं की थी, लेकिन नियति ने उन्हें इस राह पर ला खड़ा किया। प्रधानमंत्री ने अपने शुरुआती संघर्षों को याद करते हुए कहा, "सालों तक मैं भोजन और आश्रय की तलाश में भटका। कभी सोचा नहीं था कि राजनीति में आऊंगा, लेकिन नियति ने मुझे राजनीति में ला दिया और मैं सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहा।"

नमस्ते को मिली वैश्विक पहचान
पीएम मोदी ने गर्व के साथ बताया कि भारतीय संस्कृति का प्रतीक ‘नमस्ते’ अब वैश्विक पहचान बना चुका है। उन्होंने कहा, "पहले यह सिर्फ भारत तक सीमित था, लेकिन आज ‘नमस्ते’ ने वैश्विक स्तर पर अपनी जगह बनाई है।" अपने जीवन के शुरुआती दिनों को याद करते हुए उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री बनने से पहले भी वह अमेरिका के 29 राज्यों का दौरा कर चुके थे।

प्रधानमंत्री ने भारत के युवाओं की ऊर्जा और आकांक्षाओं की सराहना करते हुए कहा कि आज भारत विश्व के सबसे युवा देशों में से एक है। उन्होंने गर्व के साथ भारत की हालिया उपलब्धियों का उल्लेख किया, खासकर चेस ओलंपियाड में भारत की ऐतिहासिक जीत, जहां देश ने पुरुष और महिला दोनों वर्गों में स्वर्ण पदक हासिल किए हैं। यह जीत लगभग 100 वर्षों में पहली बार हुई है और भारत की क्षमता का प्रमाण है।

प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले 10 वर्षों के दौरान अपनी सरकार द्वारा किए गए महत्वपूर्ण सुधारों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि उनकी सरकार ने देश के करोड़ों लोगों को बिजली कनेक्शन, लाखों शौचालय, और मेट्रो नेटवर्क जैसी सुविधाएं प्रदान की हैं। "2014 में, भारत के केवल 5 शहरों में मेट्रो थी, आज 23 शहरों में मेट्रो नेटवर्क है," उन्होंने कहा। इसके अलावा, एयरपोर्ट कनेक्टिविटी में भी तेजी से सुधार हुआ है, 2014 में जहाँ 70 शहरों में एयरपोर्ट थे, वहीं अब यह संख्या 140 से अधिक हो गई है।
उन्होंने डिजिटल भारत का जिक्र करते हुए कहा कि 2014 में 100 से भी कम ग्राम पंचायतों में ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी थी, लेकिन आज 2 लाख से अधिक पंचायतों में यह सुविधा उपलब्ध है।प्रधानमंत्री के इस संबोधन ने भारतीय प्रवासियों के बीच गर्व और उत्साह का माहौल पैदा किया, और भारत की वैश्विक पहचान को और मजबूत करने की दिशा में देश के प्रयासों पर रोशनी डाली।

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