भोपाल (ईन्यूज़ एमपी): 9 जुलाई को भारत एक बड़े बंद की ओर बढ़ रहा है। केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ़ देशभर में महाहड़ताल की घोषणा की गई है। इस हड़ताल में मध्यप्रदेश समेत देशभर से 18 करोड़ से ज्यादा कर्मचारी भाग ले सकते हैं — इसे "दुनिया की सबसे बड़ी हड़ताल" बताया जा रहा है। इस हड़ताल का असर मध्यप्रदेश में व्यापक होगा। बैंक, पोस्ट ऑफिस, एलआईसी, आयकर, बीएसएनएल और आंगनबाड़ी जैसे सभी प्रमुख सेक्टर पूरी तरह ठप रहेंगे। हड़ताल में शामिल कर्मचारी केंद्र सरकार की 17 मांगों को लेकर प्रदर्शन करेंगे। इनमें प्रमुख मांगें हैं – सार्वजनिक उपक्रमों के निजीकरण पर रोक, न्यूनतम वेतन ₹26000, पुरानी पेंशन योजना की बहाली, श्रम संहिताओं की वापसी, आउटसोर्सिंग पर नियंत्रण, सभी कर्मचारियों को ट्रेड यूनियन अधिकार, तथा श्रमिक विरोधी नीतियों का विरोध। मध्यप्रदेश में बैंक, एलआईसी, पोस्ट ऑफिस और बीमा कंपनियों सहित कई अहम सेवाएं प्रभावित होंगी। BSNL, आंगनबाड़ी, आयकर, रेलवे, डाक विभाग के कर्मचारी भी आंदोलन में शामिल होंगे। 10 केंद्रीय श्रमिक संगठनों ने इस हड़ताल को समर्थन दिया है, जिसमें INTUC, AITUC, CITU, HMS और AIUTUC प्रमुख हैं। हड़ताल को लेकर सरकार पर चौतरफा दबाव बन रहा है। कर्मचारियों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, संघर्ष जारी रहेगा। अब देखना यह है कि सरकार कर्मचारियों के इस ऐतिहासिक विरोध के आगे झुकती है या टकराव और गहराता है।