भोपाल(ईन्यूज एमपी)___ प्रदेश के 139 इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश के लिए कालेज लेवल काउंसलिंग (सीएलसी) प्रक्रिया जारी है। इसमें 72 हजार सीटों में से अभी तक 40 हजार विद्यार्थियों ने प्रवेश लिया है। करीब 32 हजार सीटें अभी खाली हैं। अब कालेज लेवल काउंसलिंग (सीएलसी) से सीटें भरने की संभावना है।इसमें सबसे अधिक कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग (सीएसई) ब्रांच को विद्यार्थी पसंद कर रहे हैं। इसमें आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) की साढ़े छह हजार में से ढाई हजार सीटें भरी हैं। अभी भी साढ़े तीन हजार सीटें रिक्त रह गई हैं, जो रिक्त ही रहेंगी, क्योंकि उक्त सीटें सिर्फ केंद्रीय काउंसलिंग से भरी जाती हैं। वहीं ट्यूशन फीस वेबर स्कीम (टीएफडब्ल्यू) की 80 फीसद सीटों पर प्रवेश हुए हैं। इसमें 20 फीसद विद्यार्थियों ने छोटे स्तर के कालेज और अपनी पसंद के ब्रांच नहीं मिलने के कारण कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग (सीएसई) में फीस देकर बड़े कालेजों में प्रवेश लिए हैं। वहीं ईडब्ल्यूएस में महज 37 फीसद सीटों पर ही प्रवेश हो सके हैं। इस बार 63 फीसद सीटें रिक्त रहने की संभावना है।प्रदेश के 139 कालेजों में तीन से 12 सीटें टीएफडब्ल्यू में दी गई हैं। दो चरण की केंद्रीय काउंसलिंग और सीएलसी में 1,784 सीटों में से 1,425 विद्यार्थियों ने प्रवेश लिए हैं। कालेज संचालकों से सीएस, मैकेनिकल और आइटी में सबसे ज्यादा टीएफडब्ल्यू की सीटें ली हैं। उक्त प्रवेश में 60 फीसद विद्यार्थियों ने सीएसई की सीट पर प्रवेश लिए हैं। वहीं सीएसई नहीं मिलने की दशा में विद्यार्थियों ने आईटी में प्रवेश लेकर समझौता किया है, ताकि वे अगले वर्ष तीसरे सेमेस्टर में आकर अपनी ब्रांच को सीएसई में बदल सकें।इसके अलावा कई विद्यार्थियों ने मैकेनिकल में प्रवेश लिए हैं, जिन्हें सीएसई और आइटी में कोई दिलचस्पी नहीं है।