ग्वालियर(ईन्यूज एमपी)-- डेंगू, चिकनगुनिया, वायरल के साथ निमोनिया का अटैक भी तेज हो गया है। अगर अब भी सावधानी नहीं बरती तो एक साथ चार बीमारियों का अटैक जानलेवा हो सकता है। हर बुखार को वायरल समझने की गलती नहीं करें। खुद डाक्टर बनकर दवाएं नहीं लें। अगर बीमार हैं, तो तुरंत अस्पताल में डाक्टर से परामर्श लें और जांच कराएं, क्योंकि आपको वायरल की जगह डेंगू, चिकनगुनिया, निमोनिया भी हो सकता है।एक साथ चार वायरस का सक्रिय होना सेहत ही नहीं, जेब पर भी भारी पड़ रहा है। बीमार होने से शरीर तो ढीला-ढाला अस्पताल में पंजीयन कराने के लिए लाइन में लगे सा हो ही जाता है, इलाज कराने के लिए जेब भी ढीली हो जाती है।अस्पताल के आंकड़ों पर गौर करें तो डेंगू के 10-12, चिकनगुनिया के 20, वायरल के 30 और निमोनिया 20 से 25 फीसदी मरीज हैं। एक हजार बिस्तर अस्पताल के मेडिसिन विभाग की ओपीडी में इलाज के लिए पहुंच रहे मरीजों में सबसे ज्यादा वायरल जांच से लेकर उपचार तक खर्च हो रहे 10 से 15 हजारजांच से लेकर उपचार तक खर्च हो रहे हैं । डाक्टरों का कहना है कि 100 मरीजों में तीस को वायरल बुखार है। बाकी मरीजों में प्लेटलेट काउंट में गिरावट देखी गई है और उन्हें डेंगू, चिकनगुनिया सहित अन्य वेक्टर जनित बीमारियों का पता चला है। वायरल बुखार के अलावा कुछ लोग अस्थमा की शिकायतलेकर भी पहुंच रहे हैं।डेंगू नियंत्रण के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा चलाए जा रहे अभियान के तहत 92 टीमों ने बुधवार को डेंगू प्रभावित क्षेत्रों में तीन हजार 817 घरों का सर्वे किया। इस दौरान 126 घरों में लार्वा मिला, जिसे मौके पर नष्ट कराया। वहीं जीआरएमसी और जिला अस्पताल की लैब में हुई 237 सैपल की जांच में दस नए डेंगू के मरीज मिले। जनवरी से अब तक 18 हजार 746 सैपल जांच में एक हजार 196 पाजिटिव केस मिल चुके हैं। सर्वे टीम द्वारा जनवरी से अब तक छह लाख 24 हजार 475 घरों में लार्वा सर्वे किया गया। इनमें 25 हजार 232 घरों में लार्वा को नष्ट कराया गया है।