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जिला पंचायत की समीक्षा बैठक सम्पन्न,कलेक्टर ने अधिकारियों को दिये कड़े निर्देश

सीधी(ईन्यूज़ एमपी)- जिला पंचायत सभागार में कलेक्टर दिलीप कुमार की अध्यक्षता में जिला पंचायत की विकास एवं निर्माण सम्बन्धी समीक्षा बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सीधी सुनील दुबे, मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत कुसमी, मझौली, सिहावल एवं रामपुर नैकिन, उपयंत्री सहायक यंत्री अन्य सम्बन्धित विभागों के जिला अधिकारी उपस्थित थे।

कलेक्टर ने मनरेगा योजना के प्रगति की समीक्षा के दौरान कहा कि जिले में श्रमिक नियोजन कम है तथा समयबद्ध मजदूरी भुगतान का प्रतिशत कम है। उन्होने निर्देश दिये कि प्रधानमंत्री आवास योजना एवं पौध रक्षक के मस्टररोल जारी करें तथा मनरेगा योजना के अन्र्तगत 15 दिवस के अन्दर उच्च प्राथमिकता के आधार पर मजदूरी भुगतान किया जाय।

उन्होने कहा कि छोटे-छोटे पुलों की जीर्ण हालत के कारण बरसात में कई गाॅवों में आवागमन बाधित हो जाता है। उन्होने सभी सी.ई.ओ. जनपद पंचायत, उपयंत्री एवं सहायक यंत्री को निर्देश दिये कि ऐसे पुलों की जानकारी एकत्र करें तथा उनकी अनुमानित लागत का प्राक्कलन कर जानकारी उपलब्ध करायें। साथ ही ग्रामों में निर्मित शासकीय संरचनाओं को आवश्यक रूप से खसरे में दर्ज करायें। कलेक्टर ने हर जनपद पंचायत में दस-दस आदर्श ग्राम विकसित करने के निर्देश दिये हैं जिन्हे अन्य ग्रामों के लिए आदर्श के रूप में स्थापित किया जा सके।

उन्होन बताया कि प्रत्येक ग्राम पंचायत में सी.एस.सी. स्थापित किये जाने हैं। अतः हितग्राहियों की संख्या के आधार पर ग्राम पंचायतों को चिन्हित करें। पोर्टल में समस्त पेन्शनधारियों के आधार कार्ड, फोटो,मोबाईल नम्बर अनिवार्य रूप से दर्ज कराने को निर्देशित किये हैं। स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत निर्मित शौचालयों के फोटो भी पोर्टल में शीघ्र अपलोड करें।

कलेक्टर ने मध्यान्ह भोजन एवं आगनवाडी में पोषण आहार की मात्रा एवं गुणवत्ता पर चिन्ता व्यक्त की तथा सभी सी.ई.ओ. जनपद को नियमित निरीक्षण कर दोषी कर्मचारियों पर कार्यवाही करने के निर्देश दिये।
कलेक्टर ने कहा कि सी.एम हेल्पलाइन, जनसुनवाई एवं समाधान में सर्वाधिक शिकायतें पंचायती राज संस्थाओं से सम्बन्धित हैं जिनका तत्काल निराकरण किया जाना सुनिश्चित किया जाय। उन्होंने निर्देश दिये कि शिकायतों का एल-1 तथा एल-2 स्तर पर ही निराकरण सुनिश्चित किया जाय। यदि शिकायतों के निराकरण में लापरवाही की गई तो सम्बन्धित अधिकारियों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जायेगी।

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