रीवा (ईन्यूज एमपी)-रीवा लोकायुक्त ने बड़ी कार्यवाही करते हुए पुराने कार्य को नया बताकर 10 करोड़ का फर्जीवाड़ा करने वाले 9 अफसरों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया है। बता दें कि उक्त मामले की शिकायत वर्ष 2009 में लोकायुक्त रीवा पुलिस इकाई में आई थी। 14 साल तक चली जांच के बाद आखिरकार मुकदमा कायम कर लिया गया है। लोकायुक्त एसपी गोपाल सिंह धाकड़ ने बताया कि शिकायतकर्ता राजेश सिंह और डॉ. आरबी सिंह द्वारा वर्ष 2009 में राममूर्ति गौतम प्रभारी कार्यपालन यंत्री एवं अन्य कि विरूद्ध शिकायत की गई। आरोप लगाया कि गुरमा जलाशय के मॉर्डनाइजेशन एवं वाटर रिस्टेक्चरिंग योजना के ठेके वाले काम में फर्जी भुगतान हुआ है। इसी तरह गुरमा जलाशय के अलावा बेलहा जलाशय में पुराने कार्य पर नया कार्य कराने, कार्य मात्रा बढ़ाकर भुगतान करने, राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना के कार्यों, फोटोकापी आदि के भुगतान में गड़बड़ी कर 10 करोड़ का भ्रष्टाचार किया गया है। इस कार्य में विभाग के छोटे से लेकर बड़े अधिकारी तक शामिल है। विवेचना के दौरान शिकायत के सभी अंश सही पाए गए। साथ ही जांच करने पर बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। मौके पर देखा कि बिना कार्य कराये फर्जी भुगतान कर 3,97,65,702 रुपए की राशि निकालकर शासन को आर्थिक क्षति पहुंचाई है। माप पुस्तिका में दर्ज कर 68,84,395/- रुपए का ठेकेदार को फर्जी भुगातन किया गया बांध के नीचे सीपेज डैम, पिचिंग कार्य, मुख्य नहर के सर्विस रोड वितरिका नहर, स्टेक्चरों के रिपेयर, लाइनिंग, निर्धारित स्पेसिफिकेशन में कार्य न कराकर गुणवत्ता विहीन मटेरियल का उपयोग, कुछ कार्य बिना कराए ही एकराय होकर ठेकेदारों को अनियमित/फर्जी भुगतान कर शासन को करोड़ों रुपए का आर्थिक क्षति पहुंचाई है। इसी प्रकार पुलियों की सफाई एवं पुताई कराकर नवीन पुलिया का निर्माण बताना, नहरों की सड़कों पर बिना अर्थवर्क एवं मुरूम बिछाये नया कार्य बताकर भुगतान करना, मुख्य नहर से निकाली गई मिटृी नहर बैंक में डालकर अलग से ढुलाई बताकर भुगतान करना, गुरमा जलाशय के पुनरूद्धार में बिना कार्य कराये भुगतान करना, फोटो कापी ब्लूप्रिंट एवं कम्प्यूटर टायपिंग के कार्यो में करोड़ों का फर्जी भुगतान किया गया है। वहीं ठेकेदार को अनावश्यक समयावृद्धि देना, बेलहा तालाब का कार्य पूर्व में कराया गया था, जिसे पुनः नवीन कार्य दिखा कर फर्जी भुगतान करना पाया गया है। अतः आरोपीगण के विरूद्ध धारा-7, 13(1)बी, 13(2) पी.सी.एक्ट 1988 संशोधन अधिनियम 2018 एवं 420, 467, 468, 471 एवं 120 बी का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया है। साथ ही आरोपियों की पता तलाश की जा रही है। इनको बनाया गया आरोपी 1- राममूर्ति गौतम तत्कालीन प्रभारी कार्यपालन यंत्री जल संसाधन विभाग संभाग रीवा 2- विनोद ओझा तत्कालीन उपयंत्री एंव प्रभारी अनुविभागीय अधिकारी जल संसाधन संभाग रीवा 3- अजय कुमार आर्य तत्कालीन उपयंत्री जल संसाधन विभाग संभाग रीवा 4- एमपी चतुर्वेदी तत्कालीन अधीक्षण यंत्री जल संसाधन विभाग, मंडल रीवा 5- एसए करीम तत्कालीन मुख्य अभियंता जल संसाधन विभाग रीवा 6- पीके पाण्डेय तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारी जल संसाधन विभाग संभाग रीवा 7- भूपेन्द्र सिंह तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारी जल संसाधन विभाग संभाग रीवा 8- ओपी मिश्रा तत्कालीन उपयंत्री जल संसाधन विभाग संभाग रीवा 9- आरपी पाण्डेय तत्कालीन उपयंत्री जल संसाधन विभाग संभाग रीवा