सीधी-भारत सहित पूरे विश्व मे दिनोदिन प्राचीन (सनातन)सभ्यता बिलुप्त हो रही है और आधुनिक सभ्यता का युग जोरो पर है आज सनातन से चले आ रही जो सभ्यता थी उसपर विदेशी सभ्यता हाबी हो रही है नमन/प्रणाम से शुरू होने बाली मुलाकात को हाय-हल्लोसे शुरू होकर चुम्बन जैसे अशोभनीय कृत्यों पर आगया सुबह उठते ही टेलीविजन फेसबुक व्हाटसअप यू टूब आदि माध्यमो से असभ्यता परोसी जा रही है जिससे नकारात्मक ऊर्जा का सृजन होता जा रहा है जिससे आज की मानसिकता ही बदल गयी है आज ब्यक्तिगत कर्मो राजनीति अर्थनीति सब मे नकारात्मक सोच हाबी हो गयी है जिससे ब्यक्ति की सोच आस्था में घर प्रभाव पड़ा है।भाई भाई एक दूसरे को बढ़ता नही देख सकते है पहले जो जो झुकाव अध्यात्म के तरफ था आज शराब सबाब और कबाब पर जा रहा है बड़े दुख से लिखना पड़ रहा है कि आज ब्यक्ति में दुष्टता इस कदर हाबी हो गयी है की पवित्र रिस्तो को भी दागदार किये जा रहे है । प्राकृत में विसंगतियों के हावी हो जाने के कारण आज असामयिक बेमौसम बरसात तापमान असंतुलित हो रहा है मानव जीवन से संबंध रखने बाली सारी ब्यवस्थाओ में अत्यधिक बदलाव हो गए है आधी तुफान तवाही मचा रहे है गर्मी में ओले पड़ रहे है नए नए मर्ज बन रहे है आज स्थिति यह हो गयी है कि अपने घरों में इन्शान असुरक्षित हो गए है हाल ही में कैरोना वायरस महामारी बनके पूरे विश्व को स्तब्ध कर दिया है कोई उपचार नही मिल रहा है who सहित पूरे विश्व ने महामारी का दर्जा दे दिया अब संकमण रोकने के लिए पहली बार बिश्ब स्तर पर स्कूल, खेल, आवागवन, मेलो बाजारों कार्यालयों में रोक लगाए जा रहा है और स्वयम को सुरक्षित रहने की एक मात्र सलाह दी जा रही है बिदेशो में फिरसे प्राचीन सभ्यता प्रणाम को स्वीकार करने की सलाह दी जा रही है। अगर हमलोग ध्यान से देखे जो राष्ट्र प्राचीन सभ्यता को सनातन धर्म को छति पहुचाये उन्ही पर ज्यादा असर देखनो को मिल रहाहै चीन भारतीय सभ्यता को बिलुप्त कर सनातन धर्म को सबसे ज्यादा तथा भारतीय संस्कृत राजनीति को छाती पहुचने की चेष्ठा की थी आज देखले और जो भी राष्ट्र भारत को बुरी नजर से देखा आज कैरोना के ज्यादा शिकार है।लगता है कि कैरोना प्राकृत के संतुलन को बिगाड़ने बालो को सबक सिखाने आया है और सीखकर ही जायेगा । मैं यह बात दृढ़ बिस्वास से कहता हूँ कि आज भी सनातन धर्म को मानने बालो को इसका असर नही पड़ रहा है हाल में ही होली के त्योहार में भारत मे रंग अबीर से लेकर मिट्टी कादो के प्रयोग जगन्नाथपुरी, द्वारकापुरी, मथुरा जैसे अनेको भीड़भाड़ स्थानों में रंग अबीर कीचड़ो से होली खेलने के वावजूद एक भी कैरोना के मसृज नही मिले बल्कि आस लेकर गए तीर्थ यात्रियों को भगवान की कृपा प्राप्त हुई और हजारो मूक बधिर अंधों को विकलांगो को स्पस्ट राहत मिली है जिसको पूरा विश्व देखा और माना है ।और सनातन सभ्यता का समर्थक बन रहे है। मैं कोई भविष्य बक्त नही हूँ नही मेरे पास कोई आत्मज्ञान ही है मैं केवल सत्य घटनाओं को देखकर स्वविवेक और आत्म अनुभव से लिखा हूँ पर मैं स्वयम अनुभव किया और देखा कि आज जो सही रास्ते पर व्हेल रहेहै उनपर कोई आपत्ति आ ही नही सकती तीर्थो में लाखों की संख्या और बहुत ही लापरवाही होते हुए मटमैले जल में स्नान करके 2-2घंटो तक लाइन में सटकर लगते हुए एक दूसरे पर रंग मशाल और होली गीत गाने बिना किसी मास्क के एक दूसरे के साथ जूठा भोजन करने के बावजूद कैरोना का कोई असर नही हुआ और आज केवल गोमूत्र और गंगाजल ही एकमात्र बिश्वसनीय उपचार है जो दवा नही शुद्धि कसाधन है जो ब्यक्ति के हर मरजो की दवा है हमे आज निम्न लिखित कर्मो के द्वारा भी आधुनिक मरजो विषाणुओं से बचने के सस्ते सुरक्षित साधन है। 1प्रातः काल उठकर अपने हाथों को ही देखना चाहिए और सभी ईस्ट देवताओं को मानसिक दर्शन करना चाहिए । 2 धरती माता को प्रणाम करके ही पैर रखे जाय। 3 माता पिता को प्रणामकर अपने सम्पूर्ण बिकसेबमसुरक्षक आशीर्वाद ले जिनके माता पिता न हो मन से स्मरण कर आशीर्वाद प्राप्त करे। बड़ो को आदर करे छोटो को प्यार दे।गुरु को नमन कर सम्मान करे तथाआशीर्वाद प्राप्त करे। 4 अपने अपने इष्टदेव की पूजा अर्चना कर अपने परिवार समाज देश के खुशहाली के लिए प्रार्थना करे। 5गरीवो को भोजन दे भूले भटको को राह दिखाए असहायों को सहायता दे।किसी को कास्ट पहुचने का कारण न बने।किसी को मन बानी और कृत्यों से दुख न पहुँचावे जितना हो सके मदद करे। सभी नकारात्मक सोच को हावी न होने दे जितना समय मिले सत्कर्मो का अपने आस पास बढ़ावा दे समझावे। अगर ऐसे कर्म करते हुये रहे तोआपके आस पास का माहौल पवित्र रहेगा तो कोई वायरस नही प्रभाव डाल पायेगा बल्कि वायरस के प्रभावी ब्यक्ति भी आपके छायाको भी छू लगे तत्काल आराम पाएंगे और पुनः शांति सुरक्षित माहौल आ जायेगा। मैने यह सलाह दी है सोचना आपको है आप पर जबरन नही लाद रहाहू।आपको अच्छा लगे तो आजम लीजिएगा नही कोई दवाव नही ।है अगर आजमाते है तो नुकसान नही होगा। अंत मे जय परशुराम जी श्रीराम जी श्री कृष्ण जय बिषधारी शिवशंकर जय बजरंगबली जय धरती माँ जय गोमाता जय माँ शक्ती हमारी हर प्रकार से रक्षा करे हमे सत्कर्मो की राह पर लेजाए दुष्कर्मो से दूर करे। आपका चिंतक यज्ञनारायण तिवारी प्रदेश सचिव रास्ट्रीय ब्राह्मण महासभा मध्यप्रदेश