भोपाल (ईन्यूज एमपी)- मध्य प्रदेश के सरकारी दफ्तरों में बायोमैट्रिक मशीन पर अटेंडेंस दर्ज कराने वाले कर्मचारियों में भी कोरोना का डर है। इस वजह से प्रदेश के करीब 5 लाख से अधिक कर्मचारियों ने बायोमेट्रिक अटेंडेंस से हाथ खींच लिए हैं। इनका तर्क है कि एक दफ्तर में एक या दो मशीनें ही हैं और उन पर सैकड़ों कर्मचारी अंगूठा लगाते हैं। इस तरह एक ही मशीन पर कई अधिकारी, कर्मचारियों द्वारा अंगूठा व अंगुली लगाकर अटेंडेंस दर्ज कराने से कोरोना वायरस फैल सकता है। मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों ने इसको लेकर शुक्रवार को सतपुड़ा भवन में आयुक्त स्वास्थ्य सेवाएं प्रतीक हजेला को पत्र सौंपा है। इसमें रजिस्टर पर अटेंडेंस दर्ज कराने की मांग रखी है। आयुक्त ने उक्त प्रकरण में उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है। बता दें कि प्रदेश विभिन्न् सरकारी दफ्तर, निगम मंडल, आयोग, स्कूल, कॉलेज, कलेक्टर, कमिश्नर कार्यालय, सतपुड़ा भवन, विंध्याचल भवन में लगने वाले दफ्तरों में 10 लाख से अधिक अधिकारी, कर्मचारी कार्यरत हैं। इनमें से करीब 5 लाख कर्मचारी बायोमेट्रिक अटेंडेंस के दायरे में आते हैं। मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के प्रांतीय महामंत्री लक्ष्मीनारायण शर्मा ने कहा कि एक ही मशीन पर कई कर्मचारियों के थंब इम्प्रेशन से खतरा हो सकता है। इधर, भेल के पांच हजार से अधिक कर्मचारी व मजदूरों ने बायोमेट्रिक अटेंडेंस को लेकर विरोध दर्ज कराया था। कोरोना वायरस के खौफ के चलते इसके बाद शुक्रवार से भेल प्रशासन ने बायोमैट्रिक अटेंडेंस पर फिलहाल रोक लगा दी है।