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Home सीधी दर्पण बाल श्रम टास्क फोर्स ने दी सीधी के व्यवसायिक संस्थानों में दस्तक, बाल श्रमिकों को कराया मुक्त.....

बाल श्रम टास्क फोर्स ने दी सीधी के व्यवसायिक संस्थानों में दस्तक, बाल श्रमिकों को कराया मुक्त.....

सीधी (ईन्यूज एमपी)- प्रदेश भर में बाल श्रम नियोजन की कुप्रथा को समाप्त किए जाने बावत प्रदेश भर में जनजागरण, जागरूकता कार्यक्रम चलाया जाकर इस कुप्रथा को समाप्त किए जाने का प्रयास किये जाने के निर्देश शासन स्तर से दिया गया है। जिलों में बाल श्रम रोंके जाने हेतु जिला बाल श्रम टास्क फोर्स समिति गठित किये जाने के निर्देश दिए गए हैं, इसके अनुपालन में सीधी जिले में समिति का गठन जिला दण्डाधिकारी सीधी की अध्यक्षता में किया गया है।
जिला बाल श्रम टास्क फोर्स समिति सीधी के अध्यक्ष जिला दण्डाधिकारी सीधी के निर्देशन पर महिला बाल विकास विभाग, बाल कल्याण समिति (न्यायिक खण्डपीठ) के सदस्य तथा चाइल्ड हेल्फ लाईन सीधी के टीम मेम्बर तथा महिला बाल विकास विभाग में गठित विशेष किशोर पुलिस इकाई के सदस्यों द्वारा जिले में स्थापित होटलों, गैराजों तथा भंगार एकत्रित करने वाले संस्थानों में आकस्मिक भ्रमण दिनांक 27.02.2020 को किया गया, जिसमें 1 बाल श्रमिकों का नियोजन पाया गया।
नियोजित पाए गए बाल श्रमिकों को कार्य से पृथक कराया जाकर उन्हे उनके अभिभावकों को सौंपा जाकर उन्हें कार्य न कराये जाने तथा जिस विद्यालयों में उक्त बाल श्रमिक का दाखिला है, उन्हें नियमित रूप से विद्यालय भेजे जाने की समझाईस दी गई। इसके साथ ही जिन संस्थानों में बाल श्रमिक नियोजित पाए गए है, उनके विरूद्ध बाल श्रम अधिनियम 1986 संशोधन अधिनियम 2016 के अन्तर्गत कारण बताओ सूचना जारी किया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश में बाल श्रमिक नियोजन की कुप्रथा के कारण बाल श्रमिकों की नियोजन की रैंकिंग में प्रदेश 10वें स्थान पर है। इस कुप्रथा की समाप्ति हेतु आगे भी जिला दण्डाधिकारी महोदय के मार्गदर्शन में कार्यवाही जारी रहेगी।
उक्त कार्यवाही में श्रम निरीक्षक एवं जिला नोडल अधिकारी (बाल श्रम) निलेश युवने, इन्द्रजीत सिंह, विशेष किशोर पुलिस ईकाई बुद्धसेन सिंह एवं जिला समन्वय चाईल्ड लाईन सीधी अब्दुल कादिर खॉन तथा सूर्यभान यादव शामिल रहे हैं।
श्रम विभाग द्वारा विज्ञप्ति के माध्यम से जिले के समस्त व्यापारियों व्यावसाइयों से अपेक्षा की गयी है कि वे अपने व्यावसाय एवं व्यापार में बाल श्रमिकों का नियोजन न करें, जिससे बाल श्रम नियोजन की कुप्रथा समाप्त हो सके तथा प्रशासन द्वारा वैधानिक कार्यवाही आपके तथा आपके संस्थान में करना पडे़। जिले को बाल श्रम मुक्त रखने के अभियान में पूर्ण सहयोग की अपेक्षा जिले के व्यापारियों व्यावसाइयों से की गयी है।

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