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सपाक्स संस्था, ने कर्मचारी विरोधी सरकार की नीतियों के खिलाफ कलेक्टर को सौपा ज्ञापन.....

सीधी (ईन्यूज एमपी)-पदोन्नति में आरक्षण, एससीएसटी एक्ट, के विरुद्ध हाई कोर्ट से सुप्रीम कोर्ट तक का सरकार की गलत नीतियों के विरुद्ध आवाज बुलंद करने बाली सपाक्स अधिकारी कर्मचारी संस्था व सपाक्स समाज ने बर्तमान सरकार द्वारा सामान्य पिछड़ा अधिकारी कर्मचारी व समाज तथा यूवाओ के साथ किये जा रहे अन्याय के बिरुद्ध एक बार फिर से सपाक्स परिबार मे जन्म लेने बाले माई के लाल ने बीथिका भवन में एकत्रित होकर कलेक्टेट पहुचकर सीधी कलेक्टर के माध्यम भारत के महा माहिम राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री महोदय के नाम ज्ञापन सौपा। ज्ञापन में कहा गया है कि अनुसूचित जाति जनजाति के तुष्टीकरण के लिए पूर्बबर्ती सरकारों ने 70 वर्षों से लगातार सामान्य और पिछड़ा वर्ग के हितों पर कुठाराघात करती रही हैं
समस्त राजनीतिक दलों द्वारा विभिन्न संशोधन कर मूल संविधान में लगातार परिवर्तन किए हैं, पदोन्नति में आरक्षण, एट्रोसिटी एक्ट, भर्ती में योग्यता के मापदंडों को कम करना, आयु में छूट देना, प्रवेश परीक्षाओं के शुल्क में छूट, स्कॉलरशिप, छात्रावास विशेष कोचिंग, इत्यादि ऐसे अनेकों कार्यक्रम है जो केवल जातिगत आधार पर संचालित किए जा रहे हैं। जबकि गरीबी, बेबसी और लाचारी सामान्य पिछड़ा वर्ग में भी है। ज्ञापन में कहा गया है कि दिनांक 7 फरबरी 2020 को माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने आरक्षण व्यवस्था को लेकर एक महत्वपूर्ण निर्णय में इस विषय पर संविधान के प्रावधानों की स्पष्ट व्याख्या की है माननीय न्यायालय के निर्णय के बाद प्रभावित वर्ग के जनप्रतिनिधि जन सामान्य में यह धारणा उत्पन्न कर रहे हैं कि आरक्षण समाप्त किया जा रहा है जबकि माननीय न्यायालय के निर्णय में ऐसा कुछ भी नहीं है। और इन्हीं संवैधानिक प्रावधानों के अंतर्गत अब तक ना सिर्फ आरक्षण की व्यवस्था कायम है, बल्कि इन प्रावधानों का दुरुपयोग कर विभिन्न सरकारों ने असंगत लाभ विशेष वर्ग को देकर बहुसंख्यक वर्ग से समानता का अधिकार छीन लिया है पूर्व में अक्ट्रोसिटी एक्ट की व्याख्या न्यायालय द्वारा की गई थी उपरोक्त ब्याख्या मे कानून अंतर्गत बिना जांच गिरफ्तारी को गलत ठहराया था तब भी विशेष वर्ग द्वारा पूरे देश को अराजकता की आग में झोंक दिया गया था। अंततः राजनीतिक दबाव में कानून में संशोधन किया गया। सपाक्स संस्था मांग करती है कि आरक्षण की संवैधानिक व्यवस्था के विरुद्ध किसी भी गतिविधि से सख्ती से निपटा जाए तथा बाबा साहब अंबेडकर के बनाए संविधान की रक्षा करते हुए मौलिक अधिकारों से छेड़छाड़ को रोका जाए संस्था मांग करती है कि सरकार पदोन्नति में आरक्षण के तुरंत निराकरण हेतु तत्काल पहल करें और माननीय उच्च न्यायालय के निर्णय को लागू करते हुए माननीय सर्वोच्च न्यायालय से अपील वापस ले ज्ञापन सौंपने में प्रमुख रुप से जिला नोडल डॉक्टर अरुण सिंह चौहान, डॉ डीके द्विवेदी, केके पांडेय, डॉ रजनीश तिवारी, डॉ केएम द्विवेदी,अजय श्रीवास्तव, दिनकर प्रसाद पांडेय, अनुराग पाठक, अखिलेश गौतम, राम मोहन द्विवेदी, नोडल विनोद कुमार दुबे, विनय कुमार मिश्र, अरविंद श्रीवास्तव, देवेंद्र तिवारी, अवनीश तिवारी, नागेश्वर द्विवेदी, दिनेश सिंह चौहान, प्रसन्न तिवारी, कमला प्रसाद मिश्र, शशिभूषण तिवारी, आदित्य पांडेय, अखिलेस्वर शुक्ल, सीपी पांडेय, महेंद्र सिंह, लक्ष्मण प्रसाद पटेल, अखंड प्रताप सिंह, राकेश द्विवेदी, डॉ मनीष शुक्ला, पंकज पांडेय, जगन्नाथ मिश्रा, भरत लाल शुक्ला, संजय सिंह, अशोक द्विवेदी, रामायण सिंह चौहान, नारायण प्रसाद द्विवेदी, कमलेश पांडेय, सीपी पांडेय, शिवराज सिंह चौहान, प्रमोद पांडेय, जीतेंद्र वेदी प्रवीण पांडेय, अनुराग पाठक, अजय कुमार पांडेय, अभय राज योगी, जय भारत सिंह, सुरेश पांडेय, अनिल पांडेय, रमाकांत गुप्ता, दीप नारायण चतुर्वेदी, दीनाराम चतुर्वेदी, रामप्रताप सिंह, संदीप मिश्रा, मनीष कुमार द्विवेदी, रामचरण तिवारी, राजेश सिंह चौहान, रविंद्र पांडेय, सुनील पांडेय, किशोर गुप्ता, डॉ डीके द्विवेदी, सहित सचिव संघ, अध्यापक संघ,पटवारी संघ, आजाद अध्यापक संघ, शासकीय अध्यापक संघ उपस्थित रहे।

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