भोपाल(ईन्यूज एमपी)- प्रदेश सरकार अब विभागों की ऐसी संपत्तियों का रिकॉर्ड तैयार करा रही है जो अनुपयोगी हो चुकी है। इनमें कई अतिक्रमण की जद में हैं तो कुछ का रखरखाव विभाग को भारी पड़ रहा है। ऐसी संपत्तियों को या तो सरकार नीलाम करेगा या फिर उन विभागों को उपलब्ध कराएगी, जिन्हें जरूरत है। मुख्य सचिव सुधिरंजन मोहंती ने सभी विभागों को दस मार्च तक कार्ययोजना बनाकर देने के निर्देश दिए हैं। यह कदम मुख्यमंत्री कमलनाथ के उस निर्देश पर उठाया है, जिसमें उन्होंने सभी विभागों को परिसंपत्तियों का रिकॉर्ड तैयार करने के लिए कहा था। प्रदेश में तकरीबन सभी विभागों के पास अचल संपत्तियां हैं। लोक निर्माण विभाग के पास जो रेस्ट हाउस हैं, उनमें निर्माण तो एक या डेढ़ हजार वर्गफीट पर है लेकिन ढाई से सात एकड़ तक जमीन खाली पड़ी हुई है। मुख्यमंत्री कमलनाथ कई बार बैठकों में निर्देश दे चुके हैं कि विभागों को जमीन का मोह छोड़ना होगा। यह संपत्ति राज्य की है और उसका सदुपयोग होना चाहिए। वैकल्पिक वित्तीय व्यवस्था विषय पर कार्यशाला के दौरान भी यह मुद्दा आया था। तब भी मुख्यमंत्री ने सभी विभागों से कहा था कि वे अपनी संपत्तियों का लेखा-जोखा (रिकॉर्ड) तैयार करें। साथ ही वो अचल संपत्ति, जिसका उपयोग नहीं हो रहा है, उनके निराकरण की समयबद्ध कार्ययोजना बनाएं। बताया जा रहा है कि कुछ विभागों के पास शहरों में प्राइम लोकेशन पर संपत्तियां है लेकिन वे अनुपयोग पड़ी हैं। भू-माफिया के खिलाफ कार्रवाई में कई ऐसी जमीन भी चि-त की गई हैं जो सरकारी हैं लेकिन उनमें अतिक्रमण किए गए हैं। ऐसी सभी संपत्तियों का उपयोग अब राज्य हित में वित्तीय संसाधन जुटाने के लिए किया जाएगा। इसी मकसद से मुख्य सचिव सुधिरंजन मोहंती ने सभी विभागों को नोटशीट लिखकर 10 मार्च तक कार्ययोजना बनाकर वित्त विभाग को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। लोक निर्माण और सड़क परिवहन निगम की संपत्तियां होंगी नीलाम उधर, सरकार ने लोक निर्माण और सड़क परिवहन निगम की कुछ संपत्तियां नीलाम करने की तैयारी शुरू कर दी है। लोक निर्माण विभाग भोपाल, इंदौर और जबलपुर में अपनी कुछ संपत्तियां बेचने जा रहा है। इसके लिए समिति भी बनाई जा चुकी है। वहीं, परिवहन विभाग ने भी सड़क परिवहन निगम की अचल संपत्तियों को बेचने का निर्णय किया है। इसके लिए विभाग के प्रमुख सचिव एसएन मिश्रा ने दरप्रमुख सचिव लोक निर्माण मलय श्रीवास्तव को पत्र लिखकर कार्रवाई करने के लिए कहा है। दरअसल, निगम को कर्मचारियों का वेतन, महंगाई भत्ता सहित अन्य भुगतान करने हैं। वित्त विभाग ने इसके लिए संपत्तियों को बेचकर राशि जुटाने का सुझाव दिया है।