सीधी (ईन्यूज एमपी)-शासकीय संजय गांधी स्मृति महाविद्यालय के प्रांगण में दो दिवसीय करियर अवसर एवं रोजगार मेला का आयोजन किया गया। मेला प्राचार्य डॉ. अवधराज सिंह के मुख्य आतिथ्य एवं प्राचार्य कन्या महाविद्यालय सीधी की अध्यक्षता में संपन्न हुआ। आयोजित मेले में दिनांक 19 एवं 20 फरवरी 2020 को स्थानीय महाविद्यालयों के छात्र-छात्राओं के अलावा जिले के दूरदराज से भी भाग लिया। मेले में कुल 1860 छात्र-छात्राओं ने अपना पंजीयन कराया। दो दिनों में प्रदेश एवं प्रदेश के बाहर से आई विभिन्न औद्योगिक इकाइयों ने 1282 बेरोजगार युवकों को काउंसिलिंग के माध्यम से लाभान्वित किया। मुख्य अतिथि डॉ. अवधराज सिंह ने मेले में भाग लेने वाले युवक-युवतियों का जिनका चयन हुआ उन्हें बधाई दी एवं जिनका चयन नहीं हुआ उनको और प्रयास करने एवं और अच्छे से मेहनत करने का संदेश दिया। इस मौके पर शासकीय संजय गांधी स्मृति महाविद्यालय के स्वामी विवेकानंद मार्गदर्शन के समन्वयक डॉ. अरविंद कुमार त्रिपाठी ने बताया कि रोजगार मेले में जय माता दी सर्वे वर्क्स मध्यप्रदेश में 69 युवकों को, एसआईएस सिक्योरिटी सिंगरौली ने 43, वर्ल्ड क्लास सर्विसेज लिमिटेड भोपाल ने 126, मल्टी वायरलेस टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड भोपाल में 150, आईएमसी बिजनेस प्राइवेट लिमिटेड 246, आई.एल.- एफ. एस. सीधी 150, प्रथम नेशनल सिक्योरिटी लिमिटेड रीवा 145, भारतीय जीवन बीमा निगम लिमिटेड 90, टाटा शिक्षा सामाजिक समिति 5, आदित्य बिरला कैपिटल सीधी 14, वर्धमान टैक्सटाइल लिमिटेड भोपाल 4,, उत्कर्ष स्मॉल फाइनेंस बैंक 6, प्रगतिशील बायोटेक प्राइवेट लिमिटेड 24, सुदर्शन शौर्य सिस्टम प्राइवेट लिमिटेड औरंगाबाद 28, शांति जीडी इस्पात एवं प्राइवेट लिमिटेड 220, सुरजीत एग्रीकल्चर इंडस्ट्रीज रायपुर 05, युवकों युवतियों की काउंसलिंग की, जिनमें से 198 युवक एवं युवतियों को रोजगार मेला स्थल पर ही अपनी संस्था मे कार्य करने हेतु नियुक्ति पत्र प्रदान किया । उक्त रोजगार मेला में जिला रोजगार अधिकारी अंगूरी ठाकुर प्रबंधक एमपी आर एल ई पी एवं सीधी जिले के विभिन्न विभागों का विशेष सहयोग रहा। इस मेले में विभिन्न महाविद्यालयों के स्नातकोत्तर स्तर के अंतिम सेमेस्टर के छात्र छात्राओं ने अपने प्रोजेक्ट का अर्टिफिकेशन भी कराया। इस मेले के आयोजन में प्रोफेसर डाॅ. अनिल कुमार सिंह, डाॅ. आई.पी. प्रजापति, प्रोफेसर अंकित कृष्ण पाण्डेय, डाॅ. अश्विनी दुबे, डाॅ. आर.पी. सिंह एवं महाविद्यालय के अन्य अधिकारियों व कर्मचारियों का विशेष सहयोग रहा।