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जिला रेडक्रास सोसाइटी द्वारा विशाल स्वैच्छिक रक्त दान शिविर आज, कलेक्टर ने कि लोगों से सहभागिता की अपील....

सीधी (ईन्यूज एमपी)- कलेक्टर एवं अध्यक्ष जिला रेडक्रास सोसाइटी रवीन्द्र कुमार चौधरी ने बताया कि इस वर्ष भारतीय रेडक्रास सोसाइटी शताब्दी वर्ष 2020 मनाया जा रहा है। इस अवसर पर जिला चिकित्सालय सीधी में दिनांक 20 फरवरी 2020 को प्रातः 10 बजे से विशाल स्वैच्छिक रक्त दान शिविर का आयोजन किया जा रहा है।कलेक्टर श्री चौधरी ने जन प्रतिनिधियों, गणमान्य एवं जागरुक नागरिकों तथा स्वयंसेवी एवं स्वैच्छिक संगठनों से अपील की है कि दिनांक 20.02.2020 को अधिक से अधिक लोग जिला चिकित्सालय पहुँचे और रक्त का महादान कर शिविर को सफल बनाएँ। उन्होंने कहा कि मानव जीवन की रक्षा के लिए हम सभी की नैतिक जिम्मेदारी है कि उन लोगों की मदद करें, जिन्हें रक्त की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि उनके स्वयं के द्वारा भी कई अवसरों पर रक्तदान किया गया है। इससे किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं होता है, बल्कि रक्त दान करने से किसी का जीवन बचने पर आत्मसंतोष होता है।

खुद की एक पहचान बनायें, चलो रक्तदान करायें
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी तथा सचिव जिला रेडक्रास सोसाइटी डॉ. बी. एल. मिश्रा ने बताया कि स्वैच्छिक रक्त दान से प्राप्त रक्त अनेक संक्रमणों जैसे हेपेटाइटिस-बी, हेपेआइटिस-सी, मलेरिया, सिफलिस, एवं एच.आई.वी./एड्स सामान्यतः मुक्त होता है। व्यवसायिक रक्तदाता जो केवल धन कमाने की इच्छा रखते हैं, यौन रोगो से ग्रसित हो सकते हैं एवं रक्त प्राप्त करने वाले व्यक्ति को भी संक्रमित कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि दान किया गया रक्त दुर्घटना के शिकार लोगों के जीवन की रक्षा के लिए, शल्य चिकित्सा के समय, खून की कमी या एनीमिया के मरीजो के लिए, शिशु के जन्म के समय आवश्यकता पड़ने पर गर्भवती माताओं के शिशुओं की जीवन रक्षा के लिए, कैंसर, थैलसीमिया आदि मरीजों के लिए उपयोग में लाया जाता है। रक्तदान को महादान माना गया है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी सीधी डॉ. मिश्रा ने बताया कि कोई भी स्वस्थ व्यक्ति जिसकी आयु 18 से 65 वर्ष के बीच हो, वजन 45 किलोग्राम या अधिक हो तथा हीमोग्लोबिन कम से कम 12.5 ग्राम प्रति डेसीलीटर हो रक्त दान कर सकता है। एक बार में 300 से 400 मि.ली. रक्त लिया जाता है जो शरीर में उपलब्ध रक्त का 15वां भाग होता है। शरीर में रक्त दान के तत्काल बाद दान किए गए रक्त की प्रतिपूर्ति करने की प्रक्रिया प्रारंभ हो जाती है तथा लगभग 24 घंटे में दान किए गए रक्त की प्रतिपूर्ति हो जाती है। कोई भी व्यक्ति 3 माह के अंतराल से रक्तदान कर सकता है। रक्तदान करने से शरीर में नया रक्त बनने की प्रक्रिया तेज हो जाती है। शोध से पता चला है कि रक्तदाता के शरीर में कोलेस्ट्रांल की मात्रा कम एवं नियंत्रित होती है और हृदय रोग की संभावना कम हो जाती है। इसके साथ ही आवश्यकता होने पर रक्त दाता या उसके परिवार के किसी सदस्य के लिए प्राथमिकता के आधार पर रक्त कोष से रक्त उपलब्ध हो जाता है। वास्तविक रक्त दान में लगभग 5 मिनट का समय लगता है। रक्तदान करने के बाद केन्द्र में आधे घण्टे का समय व्यतीत करना विश्राम के लिए पर्याप्त होता है। इसके उपरांत विशेष भोजन की आवश्यकता नही होती सामान्य दिनचर्या जारी रखना चाहिए।

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