सीधी (ईन्यूज एमपी)- सरकार बनने के बाद से ही कांग्रेस में आपसी खींचतान दिखने लगी थी,साथ ही बगावती स्वर भी मुखर हो चले थे लेकिन इन सब को दर किनार कर डगमगाते हुए ही सही पर साल भर का समय बिताने के बाद अब एक बार फिर दिग्गजों के बिगड़े बोल ने राजनीति के गलियारों में गर्मी बढ़ा दी है,अपने हि दल में चल रहे वाकयुद्ध से सरकार कहा तक सफर करती है ये देखने वाली बात होगी। कांग्रेस महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया के बयान के बाद मध्यप्रदेश की सियासत में उबाल आ गया है,उन्होंने एक कार्यक्रम में अपनी ही सरकार को निशाना बनाते हुए वचन पत्र में जनता से किए गए वादों के पूरा न होने पर सड़क पर उतरने कि बात कह डाली थी जिसके बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि तो उतर जाए,वहीं चर्चा है कि मुख्यमंत्री कमलनाथ द्वारा पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष से भी सिंधिया के उक्त बातो को लेकर नाराजगी जाहिर की गई है। इन सब बातों के बीच दिल्ली में हुई समन्वय समिति कि बैठक में भी कमलनाथ ने इशारों-इशारों में विरोधियों को कहां गया कि पार्टी का वचन पत्र 5सालो के लिए है न कि 5 महीनों के लिए, सरकार अपने वचनों पर कायम हैं व सभी को पूरा किया जाएगा।वही कांग्रेस महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया बैठक से जल्द ही चले गए। सूत्रों कि माने तो पार्टी नेताओं के बीच आपसी बयानबाजी को लेकर अनुशासन बनाने कि बात कही गई है।