सीधी (ईन्यूज एमपी)- जिला परिवहन कार्यालय की मनमानी व भ्रष्टाचार कि एक बार फिर पोल खुल गई है और इनकी धन लोलुपता कि बदौलत एक महिला को जख्मी होना पड़ा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार गुरुवार दोपहर अर्चना मिश्रा, ग्राम कपूरी आर.टी.ओ आफिस सीधी पडरा मे अपना ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने आई थी, जहां ड्राइविंग लायसेंस बनवाने से पूर्व ड्रायविंग टेस्ट अपने स्ययं की स्कूटी एम.पी.53 एमएच 7068 से दे रही थी इसी बीच एक अन्य प्राइवेट वाहन जिसे जिला परिवहन विभाग द्वारा अधिकृत किया गया है ने लापरवाही पूर्वक वाहन चलाकर स्कूटी मे ठोकर मारी थी जिससे महिला घायल हो गई। महिला द्वारा पूरे मामले से पुलिस को अवगत कराते हुए एफआईआर दर्ज कराई गई है। जी हम आपको बता दें कि जिला परिवहन कार्यालय के क्रियाकलापों से करीब करीब सभी परिचित हैं, फिर चाहे वो निर्धारित दर से अधिक पर लोगों से वसूली करने वाले एजेंटों को संरक्षण देने का मामला हो या फिर एजेंटों से पैसा लेकर फर्जी दस्तावेजों को पास करने का और तो और अब जिला परिवहन विभाग द्वारा दलालों को और अधिक लाभ देने के उद्देश्य से कहें या कुछ और जिला परिवहन कार्यालय में ड्राइविंग टेस्ट देने कि बाध्यता कर दी गई है जबकि सीधी सहित प्रदेश भर में अभी तक महज हैवी लाइसेंस में ट्रेनिंग स्कूल का प्रमाण पत्र मांगा जाता था जो आसानी से 100-200मे एजेंटों द्वारा सीधी के परिवहन कार्यालय में ही उपलब्ध कराया जाता था लेकिन वर्तमान में नियम ने डर बढ़ा दिया है लाइसेंस बनवाने के पहले ड्राइविंग टेस्ट अनिवार्य कर दिया गया है चाहे महिला हो या पुरुष,लाइट वाहन हो या रिनुअल सब में टेस्ट अनिवार्य कर दिया गया है,और ये सब नियम पालन के लिए नहीं वरन रेट बढ़ाने के लिए क्यूंकि ड्राइविंग टेस्ट पास का प्रमाण पत्र 3000 रुपए में दिया जा रहा है और पैसा देने के बाद टेस्ट अनिवार्य नहीं है।अब देखना ये है कि इन तमाम बातों पर जिला प्रशासन का क्या रूख रहता है।