सीधी(ईन्यूज एमपी)- जिले में स्थित प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़के इन दिनों दुर्दशा का दंस झेल रही है ग्रामीणों की सुविधा व हर गांव को सड़क से जोड़ने के लिए बनाई गई प्रधानमंत्री सड़के इन दिनों भारी वाहनों के बोझ तले दबी जा रही है और जिम्मेदार मूक दर्शक बने हुए है| जी हाँ हर गांव को सड़क से जोड़ने के लिए बनाई गई प्रधानमंत्री ग्रामीण सडको का अस्तित्व सीधी जिले में धीरे धीरे खत्म होने कि कगार पर है कारण कि निर्धारित भार के वाहनों के अतिरिक्त इससे भारी भरकम वाहन प्रतिदिन भारी मात्र में निकल रहे है,और सडको को क्षति पंहुचा रहे है लेकिन जिम्मेदार विभाग इस ओर कोई ध्यान ही नही दे रहा है, रात दिन बराबर भारी माल वाहक वाहन इससे फर्राटे भर रहे है| बतादे कि गांव गांव में निर्मित प्रधानमंत्री सड़के हलके वाहनों व ग्रामीणों के उपयोग के लिए बनाई गई है जिसमे वाहनों का प्रकार तय है कि 8 मैट्रिक टन भार तक के वाहन इससे गुजर सकते है और इसकी क्षमता भी इतनी ही है, साथ ही इन सडको पर बैरियर लगाने का भी प्रावधान है जिससे भारी वाहनों को इन सडको से गुजरने से रोका जा सके लेकिन विभागीय उदासीनता कहे या फिर कुछ और भारी भरकम हाईवा वाहन प्रतिदिन भारी संख्या में इनसे रेत लेकर गुजर रहे है जिससे ग्रामीण सड़को कि हालत खस्ता हाल हो रही है, ग्रामीणों कि माने तो दिन रात बराबर सड़के भारी वाहनों से व्यस्त बनी रहती है और हम चाह कर भी कुछ नही कर सकते, इन भारी भारी भरकम वाहनों के कारण सड़क का तो नुक्सान हो ही रहा है साथ ही दुर्घटनाओं का भी डर बना रहता है लेकिन इन सब कि पूछ परख करने वाला कोई नही है |