सीधी (ईन्यूज एमपी)-टोंको-रोंको-ठोंको क्रांतिकारी मोर्चा के संयोजक उमेश तिवारी ने मोदी सरकार द्वारा संसद में प्रस्तुत बजट में अपनी प्रतिक्रिया में कहा है कि मोदी सरकार द्वारा प्रस्तुत किए गए बजट में किसानों के लिए पिछले वर्ष से भी कम बजट का प्रावधान करके खेती किसानी का काम करने वाले किसान की उम्मीदों पर कुठाराघात किया है। श्री तिवारी ने कहा है कि मोदी सरकार द्वारा प्रस्तुत बजट 30 लाख 42 हजार करोड़ रुपए का है जिसमें किसानी के लिए 2 लाख 83 हजार करोड रुपए की बात की गई है पर उसमें भी बेईमानी करते हुए इसी वजट में से 1 लाख 23 हजार करोड़ रुपए ग्रामीण विकास और पंचायती राज की ब्यवस्था को भी शामिल किया गया है। इस तरह किसानी के लिए 1 लाख 60 हजार करोड़ रुपए की व्यवस्था करके उसमें किसानों के अनुदान, सिंचाई एवं अन्य व्यवस्थाओं की बात की गई है। कृषि के नाम पर दिए बजट से ग्रामणी विकास एवं पंचायत विकास के बजट को अलग करने के बाद बजट में पिछले साल से भी कम का बजट किसानी को दिया गया है। सरल शब्दों में कहें तो प्रस्तुत बजट में से 8 रुपये 60 पैसे रोज के दिन के हिसाब से किसानों, ग्रामीण विकास एवं पंचायत विकास के लिए दिया गया है। देश में किसानों एवं ग्रामीणों की संख्या 85% होने के कारण बजट में से कम से कम 50% की राशि किसानी के बजट को देनी चाहिए थी। श्री तिवारी ने कहा है कि बजट में ग्रामीण रोजगार, कुटीर उद्योग, छोटे उद्योगों की स्थापना हेतु बजट में प्रावधान न करके बड़े उद्योगपतियों को टैक्स में छूट का प्रावधान किया गया है तथा सेवा क्षेत्र के लिए अधिक बजट की व्यवस्था की गई है। जबकि कृषि क्षेत्र से अधिक रोजगार मिलता है। बजट में कृषि ऋण को पिछले साल की तुलना में 11 हजार करोड रुपए से बढ़ाकर इस बजट में 15 हजार करोड रुपए का प्रावधान किया गया है। किसान को ऋणी बनाने से किसानों में आत्महत्या बढ़ेगी। बजट में किसानों को अनुदान आदि छूट दिए जाने की व्यवस्था करनी चाहिए थी। सादर प्रकाशनार्थ प्रवक्ता टोंको-रोंको-ठोंको क्रांतिकारी मोर्चा