सीधी(ईन्यूज एमपी)- करीब एक करोड़ की लागत से आई मोबाइल वैन इन दिनों धूल फांक रही है कारण की वाहन आने के वाद उसके रखरखाव व चलने के लिए न कोई राशि दी गई है और न ही कोई मद जिसके चलते अब एक करोड़ की गाड़ी महज प्रदर्शनी बन के रह गई है और अगर कुछ दिनों तक इसी तरह रही तो ये कंडम हो जायेगी, जिम्मेदारो की माने तो अभी भी इस वाहन के ऑन रोड होने के लिए करीब 10 से 15 लाख रुपए की आवश्यकता है जबकि विभाग के पास बजट ही नही है | प्राप्त जानकारी के अनुसार करीब पांच साल पहले तत्कालीन कलेक्टर द्वारा नक्सल फण्ड से करीब एक करोड़ की डायग्नोस्टिक मोबाइल वैन की खरीदी हरियाणा से की गई थी लेकिन आज तक टैक्स जमा नहीं होने के कारण इसका रजिस्ट्रेशन नही हो सका है वंही नक्सल प्रभावित क्षेत्र व दूरस्थ वनांचल क्षेत्र में इसकी मदद से स्वास्थ्य सुविधाए सुलभ करने के उद्देश्य से आई इस वैन के रखरखाव के लिए न तो कोई बजट दिया गया और न ही कोई मद जिसके कारण धीरे धीरे इस वाहन के पहिए थमते गए, और दूसरी तरफ यह वाहन जिला चिकित्सालय के द्वारा या स्वास्थ्य विभाग के द्वारा नहीं खरीदा गया था बल्कि जिला पंचायत के मार्फत इसकी खरीदी की गई थी जिस कारण से स्वास्थ्य विभाग द्वारा भी इसके संचालन में कोई रूचि नहीं दिखाई गई कारण कि इसके संचालन व रखरखाव का बजट ही उनके पास नही है जिस कारण से भी यह वाहन धीरे धीरे स्थिर हो गया | समय समय पर आए अधिकारियो द्वारा इसे दोबारा चालने के लिए प्रयास भी किये गए लेकिन ये प्रयास महज प्रयास ही रह गए । जिला पंचायत सीधी द्वारा नक्सल फंड से की गई करीब एक करोड़ की यह बैन स्वास्थ्य विभाग को थोप दी गई है और तो और हरियाणा सरकार और मध्यप्रदेश सरकार के पेंच मे फंसी यह बैन पंजियन के लिये भी मोहताज है ।