सीधी (ईन्यूज एमपी)-जिला अभियोजन अधिकारी कार्यालय सीधी के मीडिया सेल प्रभारी / सहायक जिला अभियोजन अधिकारी सुश्री सीनू वर्मा द्वारा बताया गया कि थाना कमर्जी के अपराध क्रमांक 176/16 म.प्र. शासन विरूद्ध उमेश पटेल वगैरह 09 के प्रकरण में माननीय प्रथम अपर सत्र न्यायधीश के तृतीय अतिरिक्त न्यायधीश सीधी द्वारा विचारण उपरांत दिनांक 31.12.2019 को सभी अभियुक्तगणों को जमीनी विवाद के कारण टांगी एवं लाठी डण्डों से मारपीट कर उपहति कारित करने के आरोप मे 02 – 02 वर्ष का सश्रम कारवास एवं 600/- 600/ रू.जुर्माने की राशि से दण्डित करने का निर्णय पारित किया गया। प्रकरण के तथ्य संक्षेप में इस प्रकार हैं कि दिनांक 30.07.2016 को फरियादी बुद्धसेन भुजवा की अभियुक्त विधायक पटेल से जमीन की फसल पर से गाली गलौच हो गयी थी उसी बुराई पर दिनांक 31.07.2016 को सुबह 09:00 बजे के लगभग ग्राम डेरा में तालाब के पास शासन की भूमि जिस पर बुद्धसेन बगैरह का कब्जा था पर अभियुक्तगण उमेश पटेल, रामशरण पटेल, रामभिलाख पटेल, राधिका प्रसाद पटेल, विधायक उर्फ पूर्णेन्द्र पटेल, रामाश्रय पटेल, रामकरण पटेल एवं भैयालाल पटेल मवेशी लेकर आये एवं बुद्धसेन के अरहर के खेत में मवेशी डालकर चराने लगे। बुद्धसेन की पत्नी के द्वारा मना करने पर उसके साथ गाली-गलौज किया गया एवं जान से मारने की धमकी दी। बुद्धसेन के वहां पहुचने पर विधायक पटेल द्वारा उसके सिर पर टांगी मारी गयी। बीच बचाव करने आये बुद्धसेन के भाई सतई एवं छोटेलाल को भी सभी आरोपीगणों ने जान से मारने की नियत से टांगी एवं लाठी-डण्डो से प्रहार किया जिससे उनके सिर पर चोटे आयी और वो वही गिर गए। बुद्धसेन जान बचाकर घर के भीतर घुस गया तो अभियुक्तगण द्वारा घर में घुस कर फरियादी एवं उसकी पत्नी से मारपीट की। उक्त घटना की शिकायत थाना कमर्जी के अपराध क्रमांक 176/16 में दर्ज कराई गई। पुलिस द्वारा विवेचना उपरांत अभियुक्तगण के विरूद्ध भा.द.वि. धारा 147, 148, 294, 452, 506(2) एवं 307/149 के अंतर्गत अभियोग पत्र माननीय न्यायालय सीधी के समक्ष प्रस्तुत किया गया। जिसमें शासन की ओर से सहायक जिला अभियोजन अधिकारी श्री प्रशांत कुमार पाण्डेय द्वारा विचारण के दौरान शसक्त पैरवी करते हुए सभी आरोपीगणों को धारा 325, 323,148 एवं 452 भा.द.वि. में दोषी प्रमाणित कराया। अभियोजन साक्षीगण की उपस्थिति सुनिश्चित कराये जाने में कोर्ट मोहर्रिर आर. श्री बृजेश पनिका द्वारा सहयोग प्रदान किया गया। विचारण पश्चात् सभी 09 अभियुक्तगणों को संदेह से परे दोषसिद्ध प्रमाणित कराया गया, जिसके आधार पर सभी अभियुक्तगणों को माननीय न्यायालय द्वारा कुल 02-02 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 600/- 600/ रू.जुर्माने से दण्डित किया गया।