सीधी(ईन्यूज एमपी)- कालाबजारी की आशंका पर 2 दिसम्बर को ग्राम भगेसर में नायब तहसीलदार चुरहट शिवशंकर शुक्ल द्वारा जप्त की गई करीब 1500 बोरी धान पर अब राजनीति गर्माने लगी है, कार्यवाही के नाम पर अधिकारियो द्वारा गोलमोल जवाब देते हुए पूरे मामले में पर्दा डालने की कोशिस की जा रही है, व एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाये जा रहे है, कंही न कंही पूरे मामले में दोषी समिति प्रबंधक को बचाने का प्रयास किया जा रहा है । बतादें कि 2 दिसंबर को नायब तहसीलदार शिवशंकर शुक्ल द्वारा धान उपार्जन केंद्र भगेसर का औचक निरीक्षण किया गया जिसमें पाया गया कि उपार्जन केंद्र में ताला बंद है लोगों द्वारा बताया गया कि अभी धान खरीदी बंद है और पोर्टल भी बंद है, पोर्टल खुलने के उपरांत धान की खरीदी की जाएगी लेकिन उपार्जन केंद्र से कुछ दूर पर समिति प्रबंधक कमर्जी जीतेंद्र सिंह के चचेरे भाई धीरेंद्र सिंह के घर के पास लगभग 1500 बोरी धान संदिग्ध अवस्था में रखी मिली, जिसके संबंध में मौके पर उपस्थित धीरेंद्र सिंह के द्वारा बताया गया कि उक्त धान उनके विभिन्न रिश्तेदारों एवं भाई परिवार जनों की है लेकिन मौके पर धान से संबंधित किसी प्रकार के दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए गए जिसके बाद उसे संदिग्ध मानते हुए तहसीलदार द्वारा जप्त कर मौके से स्थल पंचनामा तैयार कराया गया और संदिग्ध मिली धान को धीरेंद्र सिंह के घर के पास उनकी सुपुर्दगी में रखवा दिया गया था, लेकिन कार्यवाई दिनांक के इतने दिनों बाद भी उक्त प्रकरण में आगे कोई कार्यवाही नही कि गई बल्की पूरे मामले को दबाने का प्रयास किया जा रहा है, तहसील कार्यालय द्वारा खाद्य विभाग को कार्यवाही के लिए मामला अग्रेषित करने की बात कही जा रही है, जबकी खाद्य विभाग द्वारा पूरे मामले से अनभिज्ञता जाहिर की जा रही है, व एक गेंद को एक दुसरे के पाले में फेका जा रहा है ग्रामीणों द्वारा पूरे मामले को लेकर कलेक्टर सीधी को भी शिकायत आवेदन देते हुए कार्यवाही कि मांग कि गई है लेकिन खाद्य विभाग द्वारा मामला तहसील कार्यालय चुरहट में होना बताया जा रहा है| ग्रामीणों की माने तो कमर्जी समिति प्रबंधक जीतेंद्र सिंह द्वारा अपने भाई के माध्यम से संदिग्ध धान को कमर्जी समिति में गलत तरीके से रखने के उद्देश्य से मगाया गया था लेकिन ग्रामीणों की पहल से हुई कार्यवाही के बाद पूरे मामले में लीपापोती करने कि कोशिस की जा रही है जिसमे कंही न कंही जिम्मेदार भी अपने कर्तव्यों से भटके हुए है । देखना होगा कि अब इस पूरे मामले में जिला प्रशासन दोषियों के खिलाफ आगे क्या कदम उठाता है ।