लखनऊ(ई न्यूज एमपी)-पूर्वी उत्तर प्रदेश के बाहुबली नेता और विधायक मुख्तार अंसारी और उनकी पत्नी को जेल में हार्ट अटैक आने के बाद लखनऊ के PGI अस्पताल में भर्ती करवाया गया है. इससे पहले उन्हें बांदा अस्पताल ले जाया गया था, जहां से उन्हें लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर किया गया था. बांदा ट्रामा सेंटर से करीब 3.20 बजे मुख्तार अंसारी और उनकी पत्नी अफशां को दो अलग अलग एम्बुलेंस से लखनऊ ले जाया गया. बांदा के CMO डॉ. संतोष कुमार और DM महेन्द्र बहादुर सिंह ने बताया कि स्ट्रेचर से एम्बुलेंस ले जाते वक्त मुख्तार अंसारी की आंखें बंद थीं और उनकी पत्नी की आंखें खुली थीं. मुख्तार अंसारी की पत्नी अफशां उनसे मिलने बांदा जेल गई थीं, जहां अचानक दोनों की दिल का दौरा पड़ने से तबीयत बिगड़ गई. भारी सुरक्षा बंदोबस्त के बीच मुख्तार अंसारी और उनकी पत्नी को पीजीआई अस्पताल पहुंचाया गया. बांदा से दो अलग अलग एंबुलेंस में दोनों को लखनऊ लाया गया. मुख्तार अंसारी के साथ उनके दोनों बेटे भी मौजूद हैं. बांदा से मुख्तार अंसारी और उनकी पत्नी को भारी सुरक्षा इंतजामात के बीच लखनऊ लाया गया. अस्पताल के अंदर और बाहर भी भारी संख्या में फोर्स को तैनात किया गया है. मुख्तार अंसारी और उनकी पत्नी के PGI हॉस्पिटल पहुंचने से पहले ही डॉक्टरों को अलर्ट कर दिया गया था. अस्पताल के बाहर मुख्तार अंसारी के समर्थकों का भी हुजूम उमड़ने लगा है. मुख्तार अंसारी और उनकी पत्नी आयशा को PGI के हार्ट वार्ड में रखा गया है. उधर पुलिस के आला अधिकारी जेल के भीतर मुख्तार अंसारी और उनकी पत्नी को दिल का दौरा पड़ने की जांच कर रहे हैं. बांदा के डीएम और एसपी को इस मामले की जांच कर शासन को पूरी रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा गया है. मुख्तार से बड़े भाई और पूर्व सांसद अफजाल अंसारी ने aajtak.in से बातचीत करते हुए बताया कि मुख्तार जेल में पत्नी के साथ चाय पी रहे थे. चाय पीने के कुछ ही देर बाद वे बेहोश होकर गिर पड़े. उनकी पत्नी भी बेसुध हो गईं. दोनों को तत्काल बांदा अस्पताल लाया गया जहां से उन्हें लखनऊ रेफर कर दिया गया. दोपहर करीब 12 बजे परिवार को इस घटना की सूचना दी गई. अफजाल ने कहा कि जिस तरह से ये घटना घटी उससे काफी आशंकाएं हैं लेकिन उनकी प्राथमिकता पहले मुख्तार और उनकी पत्नी को सकुशल लखनऊ पहुंचाकर उनका इलाज करवाना है. परिवार गाजीपुर से लखनऊ के लिए रवाना हो गया है. बताया जाता है कि सूचना मिलने पर अफजाल ने अंसारी के लिए एयर एंबुलेंस की व्यवस्था करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी कॉल किया. हालांकि बाद में बांदा प्रशासन ने उन्हें सड़क मार्ग से ही लखनऊ रवाना कर दिया. मुख्तार अंसारी का सियासी रसूख मुख्तार अंसारी ने अपना सियासी सफर बसपा से ही शुरू किया था. वो पिछले पांच विधानसभा चुनाव में जीतकर विधायक बनते आ रहे हैं. मुख्तार 1996 में पहली बार विधानसभा चुनाव में बसपा के उम्मीदवार के तौर पर उतरे और जीत हासिल की. इसके बाद उन्होंने पलटकर नहीं देखा. निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर 2002 और 2007 में चुनाव जीता. इसके बाद 2012 में अंसारी कौमी एकता दल का गठन करके चुनाव मैदान में उतरे और जीत हासिल की. 2017 विधानसभा चुनाव में बीएसपी से उतरे और मोदी लहर में भी जीतने में कामयाब हुए. अफजाल अंसारी ने 1985 से 1996 तक लगातार जीत हासिल की. वो विधायक से लेकर सांसद तक बने. अफजल अंसारी ने वामपंथी पार्टी से लेकर सपा तक से जीत हासिल की, लेकिन 2002 के विधानसभा चुनाव में वो बीजेपी उम्मीदवार कृष्णानंद राय से चुनाव हार गए. इन्हीं कृष्णानंद राय की हत्या में मुख्तार जेल में बंद हैं.