हरियाणा(ईन्यूज एमपी)- हरियाणा के पलवल में रहस्यमयी बुखार के चलते 9 बच्चों की मौत हो चुकी है, जबकि 44 अन्य लोगों को प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अस्पताल में भर्ती 44 लोगों में 35 की उम्र 18 साल से कम है। इस रहस्यमयी बुखार का प्रकोप पलवल जिले के मिर्च नाम के गांव में सबसे ज्यादा है। रहस्यमयी बुखार से मरने वाले सभी 9 बच्चे इसी गांव के हैं। डॉक्टरों का कहना है कि सभी मरीजों में प्लेट काउंट काफी कम था और उन्हें बुखार भी था। इसलिए डेंगू की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। मिर्च गांव में यह रहस्यमयी बुखार पिछले 12 दिनों में फैला है। पहला मामला 30 अगस्त को सामने आया था, जब छह साल के साकिब को बुखार और शरीर में दर्द की शिकायत हुई थी। उसके पिता सलाउद्दीन ने इसे मौसमी बुखार समझकर बीमारी को नजरअंदाज कर दिया, लेकिन धीरे-धीरे उसकी आंखें और बाहें फूल गईं। सलाउद्दीन ने कहा "मैं अपने बेटे को डॉ इलियास के पास ले गया, उन्होंने उसे नूंह के नालहद अस्पताल में रेफर कर दिया। जहां 1 सितंबर को उसकी मौत हो गई।" आंख और पैर सूजने के बाद हो रही मौत इस रहस्यमयी बुखार में बच्चों को बुखार आने के बाद उनकी आंख और पैर फूल जाते हैं। इसके बाद उनकी मौत हो जाती है। करीब एक हफ्ते पहले आठ साल के फरहान में भी इसी तरह के लक्षण दिखे थे। उसके पिता मोहम्मद नशीम ने कहा, "उसकी आंखें और पैर सूज गए थे और दो दिनों के भीतर उसकी मौत हो गई।" इसी तरह, आठ साल की अक्सा ने सोहना के एक निजी अस्पताल में अपनी जान गंवा दी। उसके पिता साबिर ने बताया "मुझे नहीं पता कि यह कैसे हुआ। उसने रविवार को दोपहर करीब 3 बजे बुखार और शरीर में दर्द की शिकायत की और सोमवार की सुबह, वह चली गई।"