नई दिल्ली (ई न्यूज़ एमपी )कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का आज 14वां दिन है। सरकार ने आज कानूनों में बदलाव का प्रस्ताव किसानों को भेज दिया है। लेकिन, किसान कानून रद्द करने की मांग पर अड़े हैं। सरकार के प्रस्ताव पर फैसले के लिए सिंघु बॉर्डर पर किसानों की चर्चा हो रही है। इससे पहले ऑल इंडिया किसान सभा के महासचिव हन्नान मोला ने कहा था कि सरकार अगर संशोधन की बात कर रही है तो, हमारा जवाब साफ है। संशोधन नहीं बल्कि, कानून वापसी का लिखित भरोसा मिलेगा तो ही विचार करेंगे। सरकार की चिट्ठी आएगी और हमें पॉजिटिव लगेगी तो कल मीटिंग कर सकते हैं। भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा था कि सरकार जो ड्राफ्ट भेजेगी, उस पर चर्चा के बाद तय करेंगे कि आगे क्या करना है। उम्मीद है कि आज शाम 4-5 बजे तक स्थिति साफ हो जाएगी। गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को किसानों के साथ पहली बार मीटिंग की। बैठक के लिए 5 किसान नेताओं को बुलाया गया था, बाद में 13 मिले। कुछ किसानों ने यह कहते हुए विरोध किया कि एक दिन पहले बैठक क्यों और 40 की जगह 13 सदस्य ही क्यों? बैठक पहले शाह के घर पर थी, आखिरी समय में जगह बदलकर ICAR गेस्ट हाउस तय कर दी गई। ऐसे में 2 किसान बैठक में नहीं आ सके और बाकी किसानों ने उनके बिना चर्चा शुरू करने से इनकार कर दिया। इसके बाद पुलिस उन 2 किसानों को एस्कॉर्ट कर रात करीब 9:15 बजे लेकर आई। मीटिंग में शाह ने कई एक्सपर्ट्स बुला रखे थे, जो किसानों को समझा रहे थे कि किस बदलाव का आगे चलकर क्या असर होगा। फिर भी किसान नेता अपनी आपत्तियां दर्ज करा रहे थे, इसलिए सुझाव के आधार पर बीच का रास्ता निकालने की कोशिश हो रही थी ! 20 सियासी दल किसानों की मांगों का समर्थन कर रहे हैं। मंगलवार को किसानों के भारत बंद में भी विपक्षी दलों ने हिस्सा लिया था। विपक्ष के 5 नेता आज शाम 5 बजे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिलेंगे। इनमें राहुल गांधी और शरद पवार भी शामिल होंगे। आंदोलन में शामिल होने के लिए दिल्ली बॉर्डर की तरफ जा रहे लोगों को दिल्ली-अमृतसर हाईवे के एक पेट्रोल पंप पर फ्री डीजल दिया जा रहा है। शिरोमणि अकाली दल के कार्यकर्ताओं का कहना है कि पंजाब के ज्यादा से ज्यादा लोग आंदोलन में शामिल हो सकें, इसलिए यह सुविधा दे रहे हैं। इसके लिए स्थानीय युवाओं और अपने NRI दोस्तों की मदद ले रहे हैं