भोपाल (ईन्यूज़ एमपी): मध्यप्रदेश के डिप्टी सीएम राजेन्द्र शुक्ल ने साफ कर दिया है कि अब प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं की तस्वीर पूरी तरह बदलने वाली है। डिप्टी सीएम ने कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि हर नागरिक को उच्च गुणवत्ता युक्त, सुलभ और व्यापक स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई जाएं। इसी कड़ी में भोपाल स्थित निवास कार्यालय में स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग की गहन समीक्षा करते हुए उन्होंने कई बड़े फैसले लिए। डिप्टी सीएम ने निर्देश दिए हैं कि प्रदेश में वरिष्ठ चिकित्सकों की विशेषज्ञता का भरपूर लाभ उठाया जाए। इसके लिए 70 वर्ष तक संविदा सेवा देने का प्रस्ताव तैयार किया जाएगा और उसे शीघ्र कैबिनेट की मंजूरी के लिए पेश किया जाएगा। उनका कहना है कि अनुभवी डॉक्टर प्रदेश के चिकित्सा संस्थानों की गुणवत्ता को नए शिखर पर ले जाएंगे और डॉक्टरों की भारी कमी को भी दूर किया जा सकेगा। मेडिकल कॉलेजों के उन्नयन का भी मास्टर प्लान तैयार! डिप्टी सीएम ने रीवा और इंदौर के मेडिकल कॉलेजों के उन्नयन का विस्तृत और प्रभावी प्रस्ताव जल्द तैयार करने के सख्त निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि कॉलेजों की अधोसंरचना, अत्याधुनिक उपकरणों की व्यवस्था और अन्य जरूरी कार्य समयबद्ध तरीके से पूरे किए जाएं, ताकि प्रदेश को चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में नई ऊंचाइयां मिल सकें। भर्ती प्रक्रिया में आएगी बुलेट स्पीड! डिप्टी सीएम ने मेडिकल ऑफिसर और विशेषज्ञ चिकित्सकों की भर्ती प्रक्रिया को लेकर भी बड़ा आदेश दिया है। मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग (एमपीपीएससी) को निर्देश दिया गया है कि समयसीमा में भर्ती प्रक्रिया पूरी हो। स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूती देने के लिए सभी औपचारिकताओं को तत्काल प्राथमिकता से निपटाने के लिए संबंधित अधिकारियों को सख्त हिदायत दी गई है। ऑनलाइन ट्रांसफर में भी पारदर्शिता का नया मॉडल! डिप्टी सीएम ने स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित ऑनलाइन ट्रांसफर पोर्टल (ई-एचआरएमएस) की तैयारियों की भी समीक्षा की। उन्होंने कहा कि यह पोर्टल पूरी तरह उपयोगकर्ता अनुकूल बनाया जाए और स्थानांतरण प्रक्रिया को पारदर्शी व समयबद्ध बनाया जाए। उन्होंने दो टूक कहा कि पारदर्शिता और त्वरित निर्णय से विभागीय कार्य में रफ्तार आएगी और जनता को बेहतर सेवाएं मिलेंगी। इस बैठक में प्रमुख सचिव लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा संदीप यादव, मिशन संचालक एनएचएम डॉ. सलोनी सिडाना सहित कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। डिप्टी सीएम के इन फैसलों ने साफ कर दिया है कि अब प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं के स्तर पर "बड़ी सर्जरी" होने वाली है। अब देखना यह होगा कि इन आदेशों को जमीनी स्तर पर कितनी तेजी से लागू किया जाता है।