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आर्थिक संकट के दौर में भी सालाना वेतनवृद्धि देगी एमपी सरकार

भोपाल(ईन्यूज एमपी)- कोरोना संकट के कारण उपजे आर्थिक संकट के दौर में भी शिवराज सरकार ने कर्मचारियों के हित में बड़ा कदम उठाने का फैसला किया है। जुलाई 2020 से लगभग दस लाख कर्मचारियों को सालाना वेतनवृद्धि दी जाएगी। इससे सरकार पर सालाना 540 करोड़ रुपये का अतिरिक्त वित्तीय भार आएगा।

प्रदेश में कोरोना संकट के कारण कर्मचारियों को सातवें वेतनमान की तीसरी और अंतिम किस्त का एरियर्स देने पर रोक लगाई गई थी। इसके पहले पांच प्रतिशत महंगाई भत्ता बढ़ाने का निर्णय वापस लिया गया था। इससे सरकार को फिलहाल करीब दो हजार करोड़ रुपये की बचत हुई है।

सूत्रों का कहना है कि कुछ अधिकारी चाहते थे कि संकट के दौर में एक जुलाई से दी जाने वाली सालाना वेतनवृद्धि को कुछ समय के लिए स्थगित रखा जाए, लेकिन इससे साफ इन्कार कर दिया गया। बताया जा रहा है कि एक जुलाई से करीब तीन प्रतिशत के हिसाब से वार्षिक वेतनवृद्धि देने की फाइल बढ़ा दी गई है। प्रदेश में हर साल करीब बीस हजार करोड़ रुपये वेतन-भत्तों में खर्च होते हैं।

इस हिसाब से जुलाई से मार्च तक वेतनवृद्धि पर करीब 540 करोड़ रुपये खर्च होंगे। बजट में इसके लिए प्रावधान किए जा चुके हैं। पेट्रोल-डीजल से संभलेंगे हालात सूत्रों का कहना है कि प्रदेश सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर एक-एक रुपये का जो अतिरिक्त कर लगाया है, उससे सरकार की वित्तीय हालत में सुधार आएगा।

इसके जरिए सरकार पेट्रोल से करीब 370 करोड़ और डीजल से दो सौ करोड़ रुपये अतिरिक्त राजस्व हासिल करेगी। पेट्रोल-डीजल से सरकार को सालाना 11 हजार 500 करोड़ रुपये का राजस्व मिलता है। वहीं, शराब दुकानों की नीलामी का सिलसिला भी चल रहा है। इससे लगभग 10 हजार करोड़ रुपये की आय होने की संभावना है।

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