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Home सीधी दर्पण शिव कि सेना में होंगा विंध्य का दबदबा,आधादर्जन विधायको के सर बंधेंगा सेहरा.....

शिव कि सेना में होंगा विंध्य का दबदबा,आधादर्जन विधायको के सर बंधेंगा सेहरा.....

सीधी (ईन्यूज एमपी)- शिवराज सरकार के सत्तासीन होने के साथ ही प्रदेश में मंत्रीमंडल विस्तार कि बयार चल पड़ी है, लम्बी खींचतान के बाद सत्ता में आई भाजपा के सामने भाजपा के विधायकों व कांग्रेस का दामन छोड़ भाजपा कि नाव में सवार होने वाले विधायकों के बीच सामंजस्य स्थापित करना बड़ी चुनौती होगी।
सूत्रों कि माने तो शिवराज सरकार करीब दो दर्जन मंत्रियों कि टीम के साथ मैदान में उतरेगी जिसमें कांग्रेस के बागी विधायक भी शामिल रहेंगे वही सामंजस्य स्थापित करने के उद्देश्य से दो उप मुख्यमंत्री भी हो सकते हैं।

मंत्रिमंडल के गठन के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा व अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ ही कांग्रेस से भाजपा में आए ज्योतिरादित्य सिंधिया से भी चर्चा करेंगे।

सूत्रों कि माने तो गोपाल भार्गव, पंडित केदारनाथ शुक्ल , भूपेन्द्र सिंह, रामपाल सिंह, यशोधरा राजे सिंधिया, विजय शाह, अजय विश्नोई, राजेन्द्र शुक्ला, गौरीशंकर बिसेन, संजय पाठक, पारस जैन, जगदीश देवडा, विश्वास सारंग, हरिशंकर खटीक, मीना सिंह, प्रदीप लारिया, अरविंद भदौरिया, ओम प्रकाश सकलेचा, बृजेन्द्र प्रताप सिंह, रमेश मेंदोला, जालम सिंह पटेल, मालिनी गौड़, गोपीलाल जाटव, नीना वर्मा, कुंवर सिंह टेकाम, यशपाल सिंह सिसोदिया, रामोलावन पटेल, मोहन यादव, पंचूलाल, दिव्यराज सिंह आदि को मौका मिल सकता है। यदि पार्टी में पचहत्तर साल की उम्र का फार्मूला लागू नहीं हुआ तो नागेन्द्र सिंह नागौद या नागेन्द्र सिंह गुढ़ को मौका मिल सकता है। ऐसी स्थिति में कुछ युवा विधायकों के नाम कट सकते हैं।

वहीं बात करें सिंधिया समर्थकों कि तो पूर्व विधायकों को भी मंत्रिमंडल में मौका मिल सकता है, जिसमे बिसाहूलाल सिंह, गोविन्द सिंह राजपूत, डा.प्राूराम चौधरी, इमरती देवी, महेन्द्र सिंह सिसोदिया, प्रद्युम्न सिंह तोमर, एदल सिंह कंसाना और हरदीप सिंह डंग को भी मंत्रिमंडल में मौका मिलेगा है। भाजपा को समर्थन देने वाले रामबाई परिहार, संजीव सिंह, राजेश शुक्ला, प्रदीप जायसवाल को लेकर अभी संशय की स्थिति है।

बता दें कि एक बार फिर वरिष्ठ भाजपा नेता डा. सीताशरण शर्मा को विधानसभा अध्यक्ष बनाया जा सकता है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के विश्वसनीय डा. शर्मा ने वर्ष 2013 से 2018 तक विधानसभा का बहुत ही संजीदा तरीके से संचालन किया था। डा. शर्मा के अलावा सीधी के वरिष्ठ विधायक केदार शुक्ला भी विधानसभा अध्यक्ष के प्रमुख दावेदार हैं।

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