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नौसिखिया ठेकेदार द्वारा कराया जा रहा घटिया बाउण्ड्रीवाल का निर्माण

*मामला मझौली जनपद के ग्राम पंचायत नारो का*

पथरौला/सीधी ( ईन्यूज यमपी):-जिले की मझौली जनपद अन्तर्गत ग्राम पंचायतों मे नौसिखिए ठेकेदारों के द्वारा निर्माण कार्य कराये जाने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। और इन ठेकेदारों के द्वारा शासन द्वारा निर्धारित मापदण्डों को दरकिनार कर निर्माण कार्य कराया जाता है। किन्तु जिम्मेदार सब कुछ जानते हुए भी चुप्पी साधे हुए हैं। विगत दिवश टीम के भ्रमण के दौरान ऐसा ही एक मामला प्रकाश मे आया है जनपद अन्तर्गत ग्राम पंचायत नारो का जहां 8 लाख 69 हजार रुपये की लागत से तकरीबन 200 मीटर लम्बी पंचायत भवन परिसर की बाउण्ड्रीवाल का निर्माण कार्य मापदण्डों को दरकिनार कर कराया जा रहा है। जिसमें जिम्मेदारों द्वारा जमकर अनियमितताएं की जा रही है। ग्रामीणों द्वारा द्वारा बताया गया कि ग्राम पंचायत के सचिव श्याम लाल केवट द्वारा उक्त निर्माण कार्य अपने नजदीकी रिश्तेदार को बतौर ठेके पर सौंपा गया है। जिसमें संबंधित कर्मचारियों व पंचायत के पदाधिकारी द्वारा कमीशन के रुप में एक मोटी रकम वसूली जाती है। जिससे निर्माण कार्य की गुणवत्ता की अनदेखी की जा रही है। टीम के पड़ताल में भी इस तरह की कई अनियमितताएं सामने आई हैं। जहाँ मौके पर मिट्टी युक्त नाला का रेत इस्तेमाल होता पाया गया। वहीं क्रेशर की जगह हैण्डब्रोकेन गिट्टी का उपयोग किया जा रहा है। साथ ही उपयोग में लाई जा रही ईटा भी देशी व घटिया स्तर की है। इन सभी सामग्रियों के अलावा शासन द्वारा निर्धारित मापदंड के विपरीत कार्य कराया जाना जिम्मेवारों की स्वेच्छाचारिता की कहानी बयाँ करता है। तो वहीं शासन द्वारा दी जाने वाली राशि के दुरुपयोग की सच्चाई बता रहा है। शासन के नियमानुसार ना तो निर्माण कार्य संबन्धी सूचना बोर्ड निर्माण स्थल पर लगाया गया है। और ना ही इससे जुड़ी जानकारी किसी दी जाती है। ग्रामीणों के मुताबिक जहाँ प्लिंथ बीम की चौड़ाई 12 इंच होनी चाहिए किन्तु नौसिखिए ठेकेदार द्वारा इसे सिर्फ 9 इंच चौडी रखा गया है। 

जानकारी देने में की जाती है आनाकानी:- 
इस संबंध में जब टीम द्वारा स्टीमेट के बारे में जानने का प्रयास किया गया। तो पंचायत भवन में ताला लटकता मिला। ग्राम पंचायत के सचिव से दूरभाष के माध्यम से सम्पर्क किया गया तो उनके द्वारा फोन में जानकारी देने से मना कर दिया गया। ग्रामीणों ने पंचायत सब इंजीनियर की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कहा गया कि इन सभी निर्माण कार्यों की मानिटरिंग का जिम्मा विभाग के इंजीनियर का होता है। लेकिन इनके द्वारा भी निर्माण एजेंसी को संरक्षण दिया जाना कई सवाल खडे करता है। मौके पर उपस्थिति ग्रामीणों द्वारा प्रशासनिक अमला पर आरोप लगाते हुए बताया कि यह कोई पहला घटिया स्तर का निर्माण कार्य नहीं है। इसके पहले भी जिम्मदारों की अनदेखी के कारण घटिया निर्माण किया गया है। जो गुणवत्ता के अभाव में समय से पहले अपनी उपयोगिता खो चुके हैं। उपस्थित ग्रामीणों में दीनानाथ कुशवाहा, चन्द्रप्रताप, राजेन्द्र, ब्रम्हानंद, राजू, गोपी सिंह, ललन सिंह, सहित दर्जन भर ग्रामीणों द्वारा जिला प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराते हुए गुणवत्ता में सुधार की मांग की गई है।


          

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