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शिक्षकों की मनमानी से, शिक्षा व्यवस्था बेपटरी जिम्मेदार मौन......

*मामला कुशमी जनपद के सरकारी स्कूलों का*

पथरौला/सीधी (ईन्यूज यमपी):-जिले के आदिवासी बाहुल्य जनपद पंचायत कुशमी अन्तर्गत संचालित होने वाले सरकारी स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था सुधरने के बजाय और बिगडती जा रही है। जहां एक तरफ स्कूल शिक्षकों की कमी से पहले ही जूझ रहे थे। वहीं विगत माह हुये स्थानांतरण मे अन्य जिलों के शिक्षकों का तबादला हो जाने के कारण शिक्षकों की संख्या में भारी कमी देखी जा रही है। साथ ही स्थानीय शिक्षकों की मनमानी हावी होने के कारण स्कूलों के खुलने और बंद होने का कोई निश्चित समय निर्धारित नहीं है। और निरिक्षण दल मूक सहमति प्रदान कर रहा है। विगत दिवश भ्रमण के दौरान ऐसा ही मामला जनपद अन्तर्गत जन शिक्षा केन्द्र पोडी का प्रकाश में आया है। जहां विगत दिवश 10.45 बजे प्राथमिक शाला मटखानिया पहुंची टीम को स्कूल मे ताला बंद मिला और आधा दर्जन बच्चे स्कूल परिसर मे खेल रहे थे। बच्चों ने बताया कि यहां शिक्षक विजय गुप्ता सहित एक अतिथि शिक्षिका पदस्थ हैं। किन्तु 11 बजे के बाद ही स्कूल आते हैं तब ताला खुलता है। इसी तरह पूर्व माध्यमिक शाला कुदारिया में 11 बजे पहुंची टीम को स्कूल में महज अतिथि शिक्षक ही मिले। जबकि प्रभारी प्रधानाध्यापक गंगा सागर त्रिपाठी स्कूल में उपस्थित नहीं मिले। ग्रामीणों ने बताया कि इस स्कूल मे महज एक ही शिक्षक हैं। जो सीधी से आते हैं ओर हमेशा 11.15 बजे के बाद ही स्कूल पहुंचते हैं। बताया गया कि विद्यालय की देखरेख अतिथि शिक्षकों के भरोसे रहता है। इसी प्रकार 11.30 बजे प्राथमिक शाला बस्तुआ मे पदस्थ शिक्षक राजीव शर्मा अनुपस्थित मिले। और 11.45 बजे प्राथमिक शाला ऊंचाडोल मे 5 बच्चों के साथ एक शिक्षक मिले। जबकि शिक्षिका मुन्नी बाई गुप्ता स्कूल में अनुपस्थित पाई गई। ग्रामीणों द्वारा बताया गया कि यही हाल हमेशा रहता है। शिक्षक अपनी मर्जी से आते जाते रहते हैं कोई बोलने वाला नहीं है। भ्रमण के दौरान देखा गया कि शाला परिसर मे साफ सफाई का भी अभाव है। साथ ही लगातार हो रही बारिश से कमरों मे पानी भी भरा हुआ है। ऐसा नहीं है कि जिम्मेदार अधिकारी इन सभी बातों से अनजान है। किन्तु निरिक्षण और कार्यवाही के बजाय लापरवाह शिक्षकों को संरक्षण देना ही अपनी जबाबदेही समझते हैं। ग्रामीणों द्वारा जिला प्रशासन से शिक्षा मे सुधार की गुहार लगाई गई है।

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