नई दिल्ली(ईन्यूज एमपी)- करीब दो दशक बाद देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस की कमान गांधी परिवार के हाथ से छूटेगी। आज होने वाली बैठक में कांग्रेस अपना नया अध्यक्ष चुन लेगी या फिर राहुल गांधी के उत्तराधिकारी की तलाश अभी और लंबी होगी यह तस्वीर साफ हो जाएगी। माना जा रहा है कि पिछले ढाई महीने से नए नेतृत्व का चेहरा तय करने की जारी सियासी चुनौती से निपटने की पहली कोशिश में संभवतः अपना अंतरिम अध्यक्ष तो चुन ही लेगी। अध्यक्ष की तलाश के बीच केंद्र सरकार के जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 निष्प्रभावी करने के फैंसले पर बंटती पार्टी के लिए आज की बैठक अहम है। पार्टी के अंतरिम अध्यक्ष की बात करें तो इस रेस में फिलहाल पार्टी महासचिव मुकुल वासनिक सबसे प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं। हालांकि, वरिष्ठ नेताओं में मल्लिकार्जुन खड़गे के अलावा पूर्व गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे, पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार और पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी सैलजा के नाम भी संभावितों में हैं। ये सभी नेता अनुसूचित जाति से हैं। युवा दावेदारों की बात करें तो इनमें राजस्थान के उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट का नाम है वहीं ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अनुच्छेद 370 पर पार्टी लाइन की मुखालफत कर खुद को दौड़ से बाहर कर लिया है। विशेष पैनल गठन का विकल्प भी आज होने वाली बैठक को लेकर संकेत यह भी है कि चार से छह नेताओं का एक विशेष पैनल बनाने का फैसला लिया जा सकता है। पैनल को अगले छह-आठ महीने में संगठन चुनाव कराने की रूपरेखा तय करने का जिम्मा सौंपा जा सकता है। दो दशक बाद गैर गांधी के हाथ होगी कांग्रेस की कमान सीताराम केसरी को हटाए जाने के बाद मार्च 1998 में सोनिया गांधी ने कांग्रेस अध्यक्ष की कमान संभाली थी और दिसंबर 2017 तक करीब 20 वर्षों तक पार्टी की कमान उनके हाथ में रही। जबकि राहुल गांधी का कार्यकाल महज 20 महीने का ही रहा है। अगर गांधी परिवार से बाहर का कोई व्यक्ति अध्यक्ष चुना गया तो दो दशक बाद किसी गैर गांधी के हाथ में फिर कांग्रेस की कमान होगी। दरअसल, पार्टी के हाशिए पर चले जाने के बाद भी गांधी परिवार से बाहर के नेतृत्व को स्वीकार करने को लेकर नेताओं में सहजता नहीं दिख रही। इसीलिए पहले राहुल गांधी पर इस्तीफा वापस लेने का दबाव डाला गया। मगर जब वह नहीं माने और इस्तीफे की चिठ्ठी डेढ़ महीने पहले सार्वजिनक कर दी तो फिर कांग्रेस के कई नेताओं ने प्रियंका गांधी वाड्रा को अध्यक्ष बनाने की वकालत शुरू कर दी। हालांकि गांधी परिवार से बाहर के चेहरे को ही कांग्रेस का नया अध्यक्ष बनाने के राहुल गांधी के अडिग रुख को देखते हुए प्रियंका फिलहाल दौड़ में नहीं हैं। ऐसे में यह तय है कि गांधी परिवार से बाहर का कोई नेता ही कांग्रेस का अध्यक्ष होगा। राहुल गांधी का इस्तीफा होगा मंजूर कांग्रेस कार्यसमिति की शनिवार को बैठक पार्टी के नए अध्यक्ष का फैसला करने के लिए ही विशेष रूप से बुलाई गई है। इसलिए पार्टी संविधान के अनुसार कार्यसमिति सबसे पहले राहुल गांधी का इस्तीफा स्वीकार करेगी और इसके बाद नए अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया शुरू होगी। सूत्रों के अनुसार, पार्टी में व्यापक अंदरूनी राय यही है कि नए पूर्णकालिक अध्यक्ष पर कोई फैसला नहीं हो पाता है तो कार्यसमिति को अस्थायी या अंतरिम कांग्रेस अध्यक्ष नियुक्त कर देना चाहिए। लोकसभा चुनाव के बाद 25 मई को हार की समीक्षा के लिए आयोजित कार्यसमिति की बैठक में ही राहुल ने इस्तीफा दे दिया था, तब इसे नामंजूर कर दिया गया था।