बेंगलुरु(ईन्यूज एमपी)- कर्नाटक में जारी सियासी घटनाक्रम पर आज दोपहर बाद तक फैसला हो सकता है। 14 महीने पुरानी कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन सरकार की विदाई करीब आ गई है क्योंकि राज्यपाल वजुभाई वाला ने मुख्यमंत्री कुमारस्वामी को निर्देश दिया है कि वे दोपहर 1.30 बजे तक सदन में बहुमत साबित करें। आज होने वाले बहुमत परिक्षण की मांग करते हुए भाजपा विधायकों ने धरना देते हुए रात विधानसभा में ही गुजारी। इससे पहले मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी द्वारा गुरुवार को विधानसभा में पेश विश्वास प्रस्ताव पेश करने के मामले में जमकर ड्रामा हुआ। इस दौरान गठबंधन के 15 बागी विधायकों के अलावा कांग्रेस के दो और विधायकों समेत कुल 20 विधायक सदन से अनुपस्थित रहे। लिहाजा कांग्रेस विधायक लगातार कार्यवाही में व्यवधान डालते रहे और सदन की कार्यवाही शुक्रवार तक के लिए स्थगित हो गई। इसके विरोध स्वरूप भाजपा विधायकों ने रातभर सदन में धरना देने का एलान किया। इसके बाद राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को आज बहुमत साबित करने के लिए 1.30 बजे तक का वक्त दिया है। गुरुवार को करीब साढ़े सात घंटे कर्नाटक विस की कार्यवाही चली। इस दौराना बहस व हंगामा होता रहा। स्पीकर ने देर शाम कार्यवाही शुक्रवार सुबह 11 बजे तक स्थगित कर दी। गुरुवार दिन में ही भाजपा नेताओं ने आशंका प्रकट की थी कि कुमारस्वामी सरकार अंतिम समय की जोड़तोड़ जारी रखने के लिए बहस को लंबा खींच सकती है। इसे लेकर उन्होंने राज्यपाल से मुलाकात भी की थी। एक पंक्ति का प्रस्ताव इससे पूर्व लंबी जद्दोजहद के बाद गुरुवार को मुख्यमंत्री कुमारस्वामी ने विधानसभा में एक पंक्ति का विश्वास प्रस्ताव "यह सदन 14 माह पुरानी मेरी सरकार में विश्वास प्रकट करता है" पेश किया। इसके बाद उन्होंने अपना भाषण शुरू किया और विपक्षी भाजपा को जमकर आड़े हाथों लिया। वहीं, भाजपा नेता येदियुरप्पा ने कहा कि कुमारस्वामी सरकार विश्वास खो चुकी है। सरकार के खिलाफ हैं आंकड़े 1.चूंकि सत्तारूढ़ गठबंधन के 15 विधायक इस्तीफे दे चुके हैं और एक बीमार हो गए हैं इसलिए उनकी सदन में ताकत घटकर 101 रह गई है। 2. 224 सदस्यीय विधानसभा में मौजूद विधायकों की संख्या 16 कम होकर 208 रह जाएगी। 3. दो निर्दलीय विधायकों ने मंत्री पद छोड़कर भाजपा को समर्थन का एलान किया है। 4. ऐसे में वोटिंग होने पर 208 सदस्य यदि मतदान करेंगे तो बहुमत 105 पर मिलेगा। 5. चूंकि कांग्रेस-जेडीएस के 101 सदस्य रह गए हैं और भाजपा नीत विपक्ष के 105 और दो निर्दलीय विधायक मिलाकर 107 हो गए हैं, इसलिए विश्वास मत पर सरकार का गिरना तय है।