दिल्ली(ईन्यूज एमपी)- लोकसभा चुनाव के मद्देनजर माेदी सरकार ने सवर्णों को आर्थिक आधार पर 10% आरक्षण देने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। केंद्रीय कैबिनेट की सोमवार को हुई बैठक में यह फैसला किया गया। यह आरक्षण सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश के लिए आर्थिक आधार पर दिया जाएगा।आरक्षण का फायदा उन लोगों को मिलने की संभावना है जिनकी सालाना आमदनी 8 लाख रुपए से कम है और जिनके पास पांच एकड़ तक जमीन है। यह 10% आरक्षण मौजूदा 49.5% कोटे के अलावा होगा। आरक्षण लागू कराने के लिए सरकार को संविधान संशोधन विधेयक पारित कराना होगा, जो मंगलवार को पेश किया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था- 50% से अधिक नहीं होना चाहिए आरक्षण... 1-सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक फैसले में साफ किया था कि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग या इनके अलावा किसी भी अन्य विशेष श्रेणी में दिए जाने वाले आरक्षण का कुल आंकड़ा 50% से ज्यादा नहीं होना चाहिए। हालांकि, जुलाई 2010 के अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा- ठोस वजह होने पर राज्य सरकार इसे बढ़ा सकती है। मौजूदा समय में तमिलनाडु में 69% (50% ओबीसी और 18% एसटी) आरक्षण है। 2-संविधान के अनुच्छेद 16 (4) में देश के पिछड़े नागरिकों को आरक्षण देने का जिक्र है। केंद्र सरकार के कार्मिक मंत्रालय ने जुलाई 2016 में बताया था कि देश में अभी जातिगत आधार पर 49.5% आरक्षण दिया जा रहा है। किस वर्ग को कितना आरक्षण? वर्ग आरक्षण ओबीसी 27% एससी 15% एसटी 7.5% कुल 49.5%