दिल्ली (ईन्यूज एमपी)-केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने बच्चों के बेचने के स्कैंडल मामले में मिशनरीज के अंतर्गत आने वाले चाइल्ड केयर चैरिटी होम्स की जांच के आदेश दिए हैं. साथ ही मंत्रालय को कहा है कि देशभर के ऐसे चैरिटी केयर होम्स की जांच की जाए कि वहां पर क्या हालात है? ऐसे चाइल्ड केयर होम्स को लेकर के कई तरह के आरोप लगने शुरू हो गए थे कि बाकी जगहों पर भी जांच की जानी चाहिए. झारखंड के रांची में मदर टेरेसा की संस्था मिशनरीज ऑफ चैरिटी की संस्था पर नवजात शिशु को बेचने का आरोप लगने के बाद मेनका गांधी ने यह कदम उठाया है. इस मामले में मिशनरीज ऑफ चैरिटी होम के खिलाफ कार्रवाई भी की जा रही है. मामले में पुलिस ने कई लोगों को गिरफ्तार किया है और कई लोगों से पूछताछ कर रही है. महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के मुताबिक मेनका ने राज्यों को बच्चों के देखभाल की संस्थाओं यानी चाइल्ड केयर इंस्टीट्यूशन के पंजीकरण और महीने भर के भीतर केंद्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण (कारा) से जोड़ना सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है. किशोर न्याय (बाल देखभाल एवं सुरक्षा) अधिनियम 2015 के तहत चाइल्ड केयर इंस्टीट्यूशन में पंजीकरण व CARA से जोड़े जाने की अनिवार्यता है. यह अधिनियम 2 साल पहले लागू किया गया था, लेकिन कुछ अनाथालय इसकी वैधता को अदालत में चुनौती भी दे चुके हैं. सुप्रीम कोर्ट ने वैधता को चुनौती देने के मामले में याचिकाओं को खारिज कर चुका है. साथ ही साल 2015 के अधिनियम की वैधता को अपने दिसंबर 2017 के आदेश में बरकरार रखा है. इसके बाद से करीब 2,300 चाइल्ड केयर इंस्टीट्यूशन को CARA से जोड़ा गया है और करीब चार हजार चाइल्ड केयर इंस्टीट्यूशन को इससे जोड़ा जाना बाकी है.