रांची(ईन्यूज एमपी)-चारा घोटाले के दुमका कोषागार से निकासी के दूसरे केस यानी RC 45A/96 में रांची की सीबीआई की विशेष अदालत ने 37 दोषियों को सजा सुना दी है. इस मामले में दोषी ठहराए गए ओपी दिवाकर को सबसे ज्यादा सजा सुनाई गई है. उनको लालू प्रसाद यादव से भी बड़ी सजा सुनाई गई है. रांची की सीबीआई की विशेष अदालत ने दिवाकर को 14 साल जेल की सजा सुनाई है. इसके अलावा अदालत ने उन पर दो करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया है. चारा घोटाला मामले में यह अब तक की सबसे बड़ी सजा है. इस मामले में जितने लोगों को सजा सुनाई गई है, उनमें कोई राजनेता शामिल नहीं है. मामले में सभी दोषियों की सजा के बिंदु पर सुनवाई मंगलवार को ही पूरी हो गई थी. इसमें कोई राजनेता अभियुक्त नहीं था. अदालत ने नौ अप्रैल को ट्रायल फेस कर रहे 42 आरोपियों में से 37 को दोषी ठहराया था. इन दोषियों में 16 पशु पालन विभाग के अधिकारी, डॉक्टर और 21 आपूर्तिकर्ता शामिल हैं. विशेष सीबीआई जज शिवपाल सिंह ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सजा का एलान किया. मामले में ओपी दिवाकर के अलावा तीन सप्लायरों को सात-सात साल जेल की सजा सुनाई गई है. इन पर एक करोड़ रुपये तक का जुर्माना भी लगाया गया है. साथ ही बाकी 33 दोषियों को साढ़े तीन-साढ़े तीन साल की सजा सुनाई गई है. इन सभी पर 50-50 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है. इसमें पशुपालन विभाग के डॉक्टर, अधिकारी और आपूर्तिकर्ता शामिल हैं. साल 1991-95 के बीच चारा खरीद के नाम पर करीब 34.91 करोड़ रुपये की निकासी हुई थी. सीबीआई ने कुल 72 अभियुक्तों के खिलाफ प्राथिमकी दर्ज की थी और कुल 42 आरोपियों पर ट्रायल चला था. मामले में लालू प्रसाद यादव शामिल नहीं चारा घोटाले से जुड़े दुमका कोषागार के RC 45A/96 मामले में लालू प्रसाद यादव शामिल नहीं हैं. लालू को चारा घोटाले को अन्य चार केस में सजा मिल चुकी है. चाईबासा ट्रेजरी का पहला केस है. साल 2013 में इस मामले में लालू को पांच साल की सजा सुनाई गई थी, जबकि 23 दिसंबर 17 को देवघर मामले में साढ़े तीन साल की सजा और 24 जनवरी 2018 को फिर चाईबासा मामले में पांच साल की सजा सुनाई गई. इसके बाद अभी हाल ही में मार्च 2018 में दुमका मामले में लालू प्रसाद यादव दोषी पाए गए और 24 मार्च को लालू प्रसाद यादव को सात-सात साल की सजा सुनाई गई. दोनों सजाएं अलग-अलग चलेगी यानी उनको कुल 14 साल की सजा काटनी होगी.