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Home विंध्य प्रदेश क्या भैंस मामले में तहसीलदार की नौकरी गई पानी में? आखिर CM डॉ मोहन ने क्यों दिखाया राजेंद्र शुक्ला को आईना

क्या भैंस मामले में तहसीलदार की नौकरी गई पानी में? आखिर CM डॉ मोहन ने क्यों दिखाया राजेंद्र शुक्ला को आईना

रीवा(ईन्यूज़ एमपी): मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव ने भैंस की मौत पर तहसीलदार राजेन्द्र शुक्ल को किया सस्पेंड... सुनने में अजीब लगेगा, लेकिन यही सच है। जवा तहसील के तहसीलदार राजेन्द्र शुक्ल की नौकरी भैंस की जान पर भारी पड़ गई। समय पर मुआवजा नहीं दिया तो सीधा निलंबन का फरमान थमा दिया गया।

समाधान ऑनलाइन की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में जब मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव को पता चला कि एक भैंस की प्राकृतिक मौत पर राहत राशि देने में देर हुई, तो उन्होंने बिना एक पल गंवाए तहसीलदार को पानी में उतार दिया। ऐसा लगा जैसे पूरा प्रशासनिक अमला भैंस के शोक में डूबा था।

कलेक्टर श्रीमती प्रतिभा पाल ने बताया कि पशु हानि की राहत राशि का भुगतान आखिरकार कर दिया गया है। लेकिन सवाल यह है कि जब भैंस की आत्मा को शांति मिल चुकी है, तो तहसीलदार की नौकरी का क्या होगा? जनता में यह चर्चा है कि कहीं अगली बार किसी पालतू कबूतर की मौत पर भी कोई अधिकारी नौकरी से हाथ न धो बैठे!

इससे भी मजेदार बात यह है कि इस पूरे घटनाक्रम में नायब नाजिर को भी सस्पेंड कर दिया गया है। लगता है सरकार का संदेश साफ है – 'चाहे आदमी मरे या भैंस, मुआवजा समय पर देना होगा।

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