सीधी (ईन्यूज़ एमपी): मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जल गंगा संवर्धन अभियान की समीक्षा करते हुए इसे एक जनआंदोलन का रूप देने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आज जल बचायेंगे, तभी आने वाली पीढ़ी को जीवन मिलेगा। उन्होंने परंपरागत जल संरक्षण तकनीकों को आधुनिक नवाचारों से जोड़ने पर विशेष बल दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि खेत तालाबों, कुओं और हैंडपंपों में रिचार्ज पिट बनाए जा रहे हैं, जो जल संरक्षण की दिशा में बड़ा कदम है। उन्होंने नदियों के उद्गम स्थल, ऐतिहासिक और पुरातात्विक जल स्त्रोतों की साफ-सफाई और संरक्षण के लिए विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को कहा, "हर बसाहट में पेयजल की व्यवस्था सुनिश्चित हो।" साथ ही यह भी निर्देश दिया कि नरवाई जलाने वालों पर सख्त कार्रवाई हो और किसानों को 'हैप्पी सीडर' जैसे उपकरणों के उपयोग के लिए प्रेरित किया जाए। अब तक प्रदेश में 1.62 लाख जलदूत पंजीकृत हो चुके हैं। 50 हजार खेत तालाबों के निर्माण का लक्ष्य तय किया गया है, जिनमें से 2687 पर काम शुरू हो गया है। इसके अलावा 154 अमृत सरोवर, और 38 हजार अधूरे मनरेगा कार्य पूरे कर लिए गए हैं। नर्मदा परिक्रमा पथ और पंचकोशी यात्रा की मैपिंग की जा रही है, वहीं तालाबों और नदियों से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई भी चल रही है। वन विभाग ने 78 हजार हेक्टेयर में 4.5 करोड़ पौधे लगाने की योजना बनाई है। मुख्यमंत्री ने जल संरक्षण को राज्य की सर्वोच्च प्राथमिकता बताते हुए सभी विभागों, जनप्रतिनिधियों, स्वयंसेवी संस्थाओं और आम जनता को इसमें भागीदारी के लिए प्रेरित किया। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में मुख्य सचिव श्री अनुराग जैन सहित 12 विभागों के प्रमुख सचिव शामिल रहे। सीधी जिले से कलेक्टर स्वरोचिष सोमवंशी, वनमंडलाधिकारी प्रीति अहिरवार और अन्य अधिकारी भी वर्चुअली जुड़े।