सीधी (ईन्यूज़ एमपी): मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश पर प्रदेशभर में चल रहे जल गंगा संवर्धन अभियान में सीधी जिला जल संरक्षण के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य कर रहा है। राजगढ़, सिवनी और निवाड़ी के बाद सीधी को चौथे स्थान पर रखा गया है, जिसे मुख्यमंत्री ने स्वयं समीक्षा बैठक में सराहा। कलेक्टर स्वरोचिष सोमवंशी की अगुवाई में बनी नई पहचान: जिले में जल अभियान को गति देने के लिए कलेक्टर स्वरोचिष सोमवंशी के निर्देशन में अभियान को मिशन मोड में चलाया जा रहा है। जल संरक्षण को लेकर जागरूकता बढ़ाने के लिए न सिर्फ योजनाएं बनाई गईं, बल्कि स्थानीय युवाओं की भागीदारी भी सुनिश्चित की गई। जहां जिले को 3200 जलदूत तैयार करने का लक्ष्य मिला था, वहीं ज़िले ने 3300 से अधिक जलदूतों को रजिस्टर कर इस लक्ष्य को पार कर लिया। ये जलदूत घर-घर, गांव-गांव जाकर पानी बचाने का संदेश दे रहे हैं। अभियान के अंतर्गत जिले में 37 अमृत सरोवर बनाए जाने हैं, जिनके सभी स्थल चिन्हित कर लिए गए हैं। साथ ही, 1916 खेत तालाबों में से 1326 स्थलों को GIS आधारित SIPRI सॉफ़्टवेयर से चिन्हित कर लिया गया है। भू-जल रिचार्ज और नरेगा कार्यों में भी सराहनीय प्रगति भू-जल रिचार्ज अभियान के तहत 400 कुओं को रिचार्ज करने का लक्ष्य है, जिसे शत-प्रतिशत चिन्हांकित कर लिया गया है। वहीं, नरेगा के अंतर्गत गत वर्षों से अपूर्ण पड़े 830 कार्यों में से 97 कार्य पूर्ण कर लिए गए हैं। सरकार की सराहना और ज़िम्मेदारी दोनों बढ़ी मुख्यमंत्री द्वारा की गई समीक्षा में सीधी जिले के प्रयासों की प्रशंसा ने अधिकारियों और ज़िले को एक नई ऊर्जा दी है। जल संकट से निपटने की दिशा में यह अभियान अब जन आंदोलन की शक्ल ले रहा है।