सीधी(ईन्यूज़ एमपी)- डिजिटल इण्डिया और कैशलेस अर्थव्यस्था प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना है। डिजिटल इण्डिया कार्यक्रम के द्वारा शासन को अधिक पारदर्शी, सहभागी, जनकल्याण केन्द्रित तथा जवाबदेह बनाने का प्रयास किया जा रहा है। कैशलेस कार्यक्रम से देश में कालेधन को रोकने में सहायता प्राप्त होगी। इस व्यवस्था के बेहतर क्रियान्वयन में अधिकारियों और कर्मचारियों का सहयोग आवश्यक है। उक्त कथन नगर पालिका परिषद् अध्यक्ष देवेन्द्र सिंह मुन्नू ने कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में डिजिटल इण्डिया एवं कैशलेस कार्यशाला में कही। उन्होने कहा कि शासकीय अधिकारियों/कर्मचारियों के द्वारा कैशलेस माध्यमों के प्रयोग से जनता में इसके प्रति विश्वास पैदा होगा और वे भी इन माध्यमों का उपयोग करेंगे। कलेक्टर दिलीप कुमार ने कहा म.प्र. शासन द्वारा जनता को सहज एवं सुलभ ढंग से लाभ दिलाने के लिए डिजिटल माध्यमों का प्रयोग किया जा रहा है। इसके अन्तर्गत ई-गर्वेनेंस, ई-रजिस्ट्री, सी.एम. हेल्पलाइन, आर.सी.एम.एस. समग्र पोर्टल आदि योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है। उन्होने कहा इसी क्रम में अब एक सिंगल क्लिक में पूरे प्रदेश के पेन्शन हितग्राहियों के खाते में चले जाते हैं। हमें प्रशासन को सुगम बनाने में अधिक से अधिक तकनीक का प्रयोग करने की आवश्यकता है। उन्होने कहा कि इस प्रकार की कार्यशालाएं तहसील मुख्यालयों, कालेेजों में आयोजित कर इसकी जानकारी लोगों के बीच विशेषकर युवाओं के बीच पहुचायें। प्रबंधक अग्रणी बैंक एन.सी. शर्मा ने कहा कि वित्तीय जागरूकता फैलाने की आवश्यकता है। उन्होने कहा कि कैशलेस वित्तीय व्यवहार में सावधानियों को बरतना भी अत्यंत आवश्यक है। लोगों को अपनी व्यक्तिगत जानकारियां जैसे ए.टी.एम. पिन तथा ओ.टी.पी. की जानकारी किसी तीसरे व्यक्ति से साझा नही करनी चाहिए। ए.टी.एम. का प्रयोग करते समय अंजान व्यक्तियों का सहयोग न लें। कार्यशाला में धीरेन्द्र राजपूत डी.आई.ओ. एन.आई.सी. ने डिजिटल इण्डिया अभियान एवं कैशलेस वित्तीय व्यवहार के सम्बन्ध मं वृहद जानकारी प्रदान की इस अवसर पर नगर पालिका अध्यक्ष देवेन्द्र सिंह मुन्नू, कलेक्टर दिलीप कुमार, आर.के. सिन्हा डिप्टी कलेक्टर, सहित विभिन्न विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहें।