सिंगरौली(ईन्यूज़ एमपी): सिंगरौली जिले में सड़कों की हालत बद से बदतर होती जा रही है। खुले हाईवा वाहनों से रेत और राखड़ का परिवहन होने के कारण सड़कों पर धूल की मोटी चादर बिछ गई है। इस वजह से शहर और ग्रामीण इलाकों में आम जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है। रेत और राखड़ से भरे वाहनों की तेज रफ्तार और लापरवाही ने राहगीरों के लिए बड़ी मुसीबत खड़ी कर दी है। लोगों को जीना हुआ दुश्वार खुले ट्रकों और हाईवा वाहनों से उड़ती धूल ने सिंगरौली की सड़कों को प्रदूषित कर दिया है। सड़क किनारे बसे लोगों को सांस लेने में परेशानी हो रही है, जिससे स्वास्थ्य समस्याएं भी बढ़ रही हैं। बुजुर्ग और बच्चे खासकर इस धूल-धक्कड़ से प्रभावित हो रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि उन्होंने कई बार जिला प्रशासन और संबंधित विभागों से इस समस्या को हल करने की मांग की है, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। सिंगरौली सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में भी इस मुद्दे पर चर्चा हुई, लेकिन केवल कागजी कार्यवाही तक ही सीमित रह गई। प्रदूषण नियंत्रण विभाग का मौन प्रदूषण नियंत्रण विभाग भी इस मामले में खामोश बना हुआ है। खुले वाहनों से हो रहे प्रदूषण को रोकने के लिए विभाग ने अब तक कोई सख्त कदम नहीं उठाया है। इस पर विभागीय अधिकारी भी स्थिति स्पष्ट करने से बच रहे हैं। वहीं तेज रफ्तार से दौड़ते हाईवा वाहनों के कारण सड़क दुर्घटनाओं की संभावना भी बढ़ गई है। लोगों का कहना है कि धूल के कारण दृश्यता कम हो जाती है, जिससे हादसे का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। स्थानीय नागरिकों और सामाजिक संगठनों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि रेत और राखड़ के परिवहन के लिए सख्त नियम बनाए जाएं। साथ ही, वाहनों पर कवर लगाने और ओवरलोडिंग रोकने के लिए जुर्माना लगाने की बात कही गई है। सिंगरौली की सड़कों पर उड़ती धूल और रेत की समस्या को देखते हुए प्रशासन से तत्काल हस्तक्षेप की आवश्यकता है। लोगों की सुरक्षा और स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए जल्द ही ठोस कदम उठाए जाने चाहिए।