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Home सीधी दर्पण बाघ शिकार कांड में बड़ा खुलासा: फरार शिकारी भी चढ़ा पुलिस-वन विभाग के हत्थे

बाघ शिकार कांड में बड़ा खुलासा: फरार शिकारी भी चढ़ा पुलिस-वन विभाग के हत्थे

सीधी (ईन्यूज़ एमपी): संजय टाइगर रिजर्व सीधी में बाघ शिकार कांड का बहुचर्चित प्रकरण आखिरकार पूरी तरह सुलझ गया। 19 अगस्त 2025 की रात परिक्षेत्र दुबरी के डेवा बीट, खरवर कक्ष क्रमांक 509 (बस्तुआ-दुबरी सीमा लाइन) में करंट लगाकर बाघ का बेरहम शिकार किया गया था। इस मामले में वन अपराध प्रकरण क्रमांक 562/18 दर्ज हुआ था, जिसके बाद से ही फरार आरोपी की तलाश जारी थी।

वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन में डॉग स्क्वॉड और वन विभाग की टीम ने गहन छानबीन की। इस जांच में ग्राम खरबर के चार आरोपी संलिप्त पाए गए –
धर्मपाल उर्फ मुंडू बैगा पिता दद्दा बैगा (55 वर्ष)
नानदाऊ बारडोलिया पिता रामदेव बैगा (53 वर्ष)
राजेश पिता रामगोपाल बैगा (33 वर्ष)
रामसजीवन उर्फ लाला बैगा पिता रामदास बैगा

इनमें से पहले तीन आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका था, जबकि चौथा आरोपी रामसजीवन उर्फ लाला बैगा लंबे समय से फरार चल रहा था। लेकिन आखिरकार वन विभाग की टीम ने मड़वास के पास चंदही गांव में घेराबंदी कर उसे दबोच लिया। गिरफ्तार आरोपी को अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।

इसी दौरान बाघ शिकार प्रकरण क्रमांक 594/11 (दिनांक 05 सितंबर 2024) में फरार आरोपी रमेश सिंग पिता दद्दू, निवासी बोदरीटोला, पोस्ट चामराडोल ने भी हार मानकर आत्मसमर्पण कर दिया। उसे भी न्यायालय में पेश कर न्यायिक हिरासत में भेजा गया।

इस अभियान में सहायक संचालक मझौली नरेन्द्र रवि, परिक्षेत्र अधिकारी दुबरी विवेक सिंह, परिक्षेत्र अधिकारी बस्तुआ कैलाश बामनिया, परिक्षेत्र सहायक डेवा राकेश कुमार प्रजापति, परिक्षेत्र सहायक बड़कडोल बाबू नंदन, वनरक्षक श्रीराम कुशवाहा, गगन नेतिया, रवि सिंह, शिवांगी द्विवेदी, ज्योति साहू, संदीप सिंह, सुभाष द्विवेदी, अमर सिंह समेत कई अधिकारी-कर्मचारी शामिल रहे।

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