सीधी(ईन्यूज़ एमपी): जनवरी 2025 में प्रयागराज में होने वाले भव्य महाकुंभ की तैयारियाँ जोर-शोर से चल रही हैं। इस ऐतिहासिक महापर्व में देश-विदेश से 40 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के सम्मिलित होने का अनुमान है, जिससे 45 दिनों के इस मेले में लगभग 40,000 टन कचरे के उत्सर्जन की संभावना है। इसी चुनौती को देखते हुए महाकुंभ को हरित और प्लास्टिक-मुक्त बनाने की दिशा में एक अनूठी पहल की जा रही है। पर्यावरण संरक्षण गतिविधि के निर्देशानुसार, पूरे देश में कार्यकर्ता "हरित कुंभ अभियान" के तहत प्रयागराज कुंभ को प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिए जुटे हुए हैं। इस अभियान के तहत समाज के हर घर से एक स्टील की थाली और एक कपड़े का थैला एकत्रित कर प्रयागराज भेजने का संकल्प लिया गया है। सीधी नगर में "एक थाली, एक थैला" अभियान का शुभारंभ इसी क्रम में आज सीधी नगर में "एक थाली, एक थैला" अभियान के निमित्त नगर बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में शहर के गणमान्य नागरिकों, युवा कार्यकर्ताओं और विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। बैठक के दौरान इस महाकुंभ के लिए विशेष "एक थाली, एक थैला" अभियान का पोस्टर लांच किया गया। बैठक के अंत में सभी कार्यकर्ताओं ने संकल्प लिया कि वे सीधी नगर के 1000 से अधिक घरों में जाकर जागरूकता फैलाएंगे और वहां से एक स्टील की थाली और एक कपड़े का थैला एकत्रित करेंगे। देशभर में चल रहा है यह अभियान यह अभियान पूरे देश में नवंबर माह में व्यापक तरीके से चलाया जा रहा है। विभिन्न जिलों से एकत्रित थालियां और थैले एकत्रित कर, उन्हें प्रांत स्तर पर एकत्र कर प्रयागराज महाकुंभ भेजा जाएगा। अभियान का उद्देश्य महाकुंभ के दौरान प्लास्टिक के उपयोग को खत्म करना और इसे "दिव्य कुंभ, हरित कुंभ" के रूप में बदलना है। पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता का संदेश कार्यकर्ताओं ने बैठक में इस बात पर जोर दिया कि आज प्लास्टिक प्रदूषण एक गंभीर समस्या बन चुका है, जिसके समाधान के लिए समाज को जागरूक होना होगा। आधुनिक जीवनशैली के चलते पर्यावरण को जो नुकसान हो रहा है, उसे रोकने के लिए हमें प्लास्टिक की जगह पर्यावरण अनुकूल विकल्प अपनाने होंगे। "एक थाली, एक थैला" अभियान इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो आने वाले समय में बड़े बदलाव की नींव रखेगा। सीधी नगर के कार्यकर्ता हर मोहल्ले में जाकर इस अभियान को व्यापक रूप देने के लिए जुटेंगे, ताकि प्रयागराज महाकुंभ को एक हरित, स्वच्छ और प्लास्टिक मुक्त आयोजन बनाया जा सके। इस पहल से यह संदेश दिया जा रहा है कि एकजुट प्रयासों से हम न केवल पर्यावरण की रक्षा कर सकते हैं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्वस्थ भविष्य की नींव भी रख सकते हैं।