पथरौला/सीधी (ईन्यूज एमपी):- प्रदेश सरकार द्वारा भले ही पेय जल के लिए विभिन्न योजनाओं के तहत प्रदेश सहित जिले में भी पानी की तरह पैसा बहाया जा रहा है। किन्तु यदि जमीनी हकीकत का जायजा लिया जाए तो आलम यह है कि दूरस्थ गांवों में निवास करने वाले ग्रामीणों को आज भी पीने के लिए शुद्ध पानी के लिए मोहताज होना पड़ता है। लेकिन जिम्मेदार सब कुछ जानकर भी अंजान बने हुए हैं। ऐसा ही एक मामला मझौली जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायत जोडौरी का प्रकाश में आया है। जहां राजस्व ग्राम पोड़ी में निवास करने वाले तकरीबन 3 सैकड़ा हरिजन आदिवासी लोगों को शुद्ध पानी की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। लेकिन क्षेत्रिय जनप्रतिनिधि एवं जिम्मेदार अधिकारी सब कुछ जानकर भी अंजान बने हुए हैं। लिहाजा इस गांव की पेय जल व्यावस्था महज एक सोलर पंप के सहारे चल रही है। ग्रामीणों द्वारा बताया गया कि गांव में एक सोलर पंप लगा है। उसी पंप से गांव के लोग पीने के पानी का उपयोग करते हैं। जिससे काफी भीड़ एक साथ एकत्रित हो जाने से हमेशा ग्रामीणों के बीच बाद विवाद की स्थिति निर्मित हो जाती है। बरसात में सूर्य भगवान निकलेंगे तो मिलेगा पानी:- बारिश का मौसम शुरू होते ही इस गांव के लोगों को पेय जल की समस्या सताने लगी है। ग्रामीणों ने पत्रिका से चर्चा के दौरान बताया कि बरसात के दिनों में जब सूर्य भगवान के दर्शन होंगे तभी पानी मिलेगा। अन्यथा लगातार बादल छाए रहने और मौसम खराब होने से सोलर पंप से भी पानी नसीब नहीं होता है। ऐसी स्थिति में ग्रामीणों को एक किलोमीटर दूर से पानी लाना पड़ता है। बिजली कनेक्शन से हो सकता है निदान:- ग्रामीणों ने बातचीत के दौरान कहा कि पंप में सोलर पैनल की जगह बिजली का कनेक्शन हो जाए तो पानी की समस्या से कुछ हद तक निजात मिल सकती है। इसी तरह गांव में यदि एक हैण्ड पम्प लग जाए तो ग्रामीणों को पानी समस्या से छुटकारा मिल सकता है। लेकिन क्षेत्रिय जनप्रतिनिधियों द्वारा आज दिवस तक इस ओर ध्यान नहीं दिया गया। जबकि गांव में बिजली की सप्लाई भी है।