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सीधी- दुष्‍कर्म के आरोपी को 11 वर्ष का सश्रम कारावास व अर्थदंड :

सीधी (ईन्यूज एमपी)-जिला अभियोजन अधिकारी कार्यालय सीधी के मीडिया सेल प्रभारी/सहायक जिला अभियोजन अधिकारी कु. सीनू वर्मा द्वारा बताया गया कि थाना चुरहट के अपराध क्रमांक 258/18 म.प्र. शासन विरूद्ध मंटू उर्फ चिंटू के प्रकरण में माननीय विशेष न्‍यायाधीश पॉक्‍सो एक्‍ट सह तृतीय अपर सत्र न्‍यायाधीश सीधी द्वारा विचारण उपरांत बलात्‍कार करने के आरोप में अभियुक्‍त मंटू उर्फ चिंटू उर्फ मोहम्‍मद मुसलिम अली मंसूरी तनय असगर अली मंसूरी उम्र-29 वर्ष निवासी वार्ड क्र. 04 चुरहट थाना चुरहट को धारा 376(1) भादवि में 11 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 2000 रूपए अर्थदंड की राशि से दण्डित करने का निर्णय पारित किया गया।
प्रकरण के तथ्‍य संक्षेप में इस प्रकार हैं कि दिनांक 10.07.18 को करीब सुबह 9:00 बजे पीडि़ता अपने घर से अपनी बहन के यहां जाने के लिए झूरी की जीप में बैठकर चुरहट समय करीब 10:00 बजे आई थी। जीप से उतरकर रामनगर मोड़ में चक्‍की के पास बैठी थी, तभी आरोपी मिंटू उर्फ चिंटू मुसलमान मोटर साईकिल से आया और बोला कि उसकी मोटर साईकिल में बैठ जाओ। पीडि़ता बोली कि नहीं बैठेगी तो आरोपी जबरदस्‍ती बैठा लिया एवं पीडि़ता को 100 रूपए दिया व मोबाईल नं. लिखकर दिया और सीधी तरफ ले गया। सीधी में शाम 6:00 बजे तक एक जगह बैठाया रहा, फिर मोटर साईकिल में बैठाकर सीधी से चुरहट लाया व नहर के किनारे समय करीबन 9:00 बजे ले जाकर उसके साथ गलत काम किया व मोटर साईकिल से चुरहट हर्दिहा रोड में ले जा रहा था तो लोगों द्वारा उसकी मोटर साईकिल रोक ली गई तो आरोपी मोटर साईकिल व पीडि़ता को छोड़कर भाग गया। पीडि़ता की शिकायत पर पुलिस थाना चुरहट द्वारा अपराध क्र. 258/18 अंतर्गत धारा 376 भादवि, ¾ पॉक्‍सो एक्‍ट एवं 3(1)(w)(i), 3(2)(v) ScSt एक्‍ट के अंतर्गत मामला पंजीबद्ध कर विवेचना पश्‍चात् अभियोग पत्र माननीय न्‍यायालय सीधी के समक्ष प्रस्‍तुत किया गया। अभियोग पत्र में संलग्‍न दस्‍तावेजों के आधार पर जिला अभियोजन अधिकारी के द्वारा उचित तर्क देते हुए आरोपी के विरूद्ध धारा 363, 366, 376 भादवि, ¾ पॉक्‍सो एक्‍ट एवं 3(1)(w)(i), 3(2)(v) ScSt एक्‍ट का आरोप विरचित किए जाने की निवेदन किया, जिस पर माननीय न्‍यायालय के द्वारा उक्‍त सभी धारा के तहत आरोपी के विरूद्ध अपराध विरचित किया गया। न्‍यायालयीन विशेष सत्र प्रकरण क्रमांक 70/18 में शासन की ओर से जिला अभियोजन अधिकारी श्रीमती भारती शर्मा द्वारा विचारण के दौरान सशक्‍त पैरवी करते हुए आरोपी को अधिकतम सजा दिये जाने का निवेदन किया। विचारण पश्‍चात् अभियुक्‍त को संदेह से परे दोषसिद्ध प्रमाणित कराया गया, जिसके आधार पर अभियुक्‍त मंटू उर्फ चिंटू को धारा 376(1) भादवि में 11 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 2000 रूपए अर्थदंड की राशि से दण्डित किया गया।

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