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चेहरे चर्चित चार, समाजसेवी व्यापारी - चिकित्सक-संगीत शिक्षक और खिलाड़ी.....

आदरणीय पाठक बंधु
सादर अभिवादन स्वीकार हो।
हम आपके लिए एक ऐसा धारावाहिक लेख प्रस्तुत कर रहे है, जिसमे चार ऐसे लोंगो की जानकारी विशेष है , जिन्होंने विभिन्न अलग अलग क्षेत्रो पर बहुत अच्छा कार्य करके लोंगो का ध्यान अपनी ओर आकृष्ट किया है, जैसा कि आप हेडिंग से उन कार्यक्षेत्रों के बारे में समझ गए होंगे।
मेरी पूरी कोशिश होगी कि उन लोंगो के जीवन के कुछ रोचक, सुखद, और संघर्ष के बारे में जानकारी इकट्ठा करके लिख सकूं, और सहज शब्दो के माध्यम से उस भाव को आपके सामने प्रकट कर सकूं, जिससे आप किसी भी घटना क्रम को पूर्ण रूप से सही समर्थन दे सकें।
आपका
सचीन्द्र मिश्र
सीधी

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📱 चेहरे चर्चित चार📱
समाजसेवी व्यापारी - चिकित्सक - संगीत शिक्षक और खिलाड़ी....


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✍️ भोलादास गुप्ता📱
समाजसेवी / व्यापारी

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चर्चित चेहरे चार के इस कालम में समाजसेवी कम व्यापारी के रूप में आज के हमारे मेहमान हैं ,भोला प्रसाद गुप्ता ......जी हां भोला प्रसाद गुप्ता जो एक समाजसेवी और व्यापारी की भूमिका में सीधी जिले में सक्रिय हैं और सीधी जिले में आज उनका एक चर्चित नाम है।
आपका जन्म एक सामान्य परिवार मे 25 अक्टूबर 1963 को हुआ इनके परिवार में सात भाई बहन है।
इनके पिता समय लाल गुप्ता अत्यन्त धार्मिक एवं सहज सवभाव के व्यवसायी थे लेकिन उनका सामाजिक कार्य और पारिवारिक जीवन सहज एवं सरल रहा। आप बचपन से ही मिलनसार एवं आज्ञाकारी रहे जिससे आपके बचपन से आज तक अनेकों मित्र- शुभचिंतक, संत विद्वान एवं महापुरुशों का आशिर्वाद आपको मिलता रहा है। वैश्य परिवार में जन्म एवं आर्थिक कमियों की वजह से शिक्षा मध्यम ही रही। लेकिन आपका जीवन इमानदारी , सदाचार पूर्वक एवं कार्य के प्रति निश्ठावान रहा।

आपको सन् 1981 में केसरवानी समाज द्वारा युवा अध्यक्ष मनोनीत किया गया। पद पर रहकर आपके द्वारा समाज के लिए कार्य किया गया एवं व्यवसाय को भी संभाला गया।
आपके पिता स्व. समय लाल गुप्ता द्वारा पूजा पार्क सीधी में स्थित श्री गणेश मंदिर का निर्माण एवं स्थापना सन् 1997 में कराया गया जिसके आप प्रमुख ट्रस्टी के रूप में में विगत 21 वर्षों से सेवा दे रहे हैं और प्रत्येक वर्ष आपके द्वारा गणेश मंदिर में कम्बल, कपडा एवं फल वितरण कराया जाता है। गणेश चतुर्थी पर्व पर अखण्ड श्रीरामचरित मानस एवं भण्डारा सन 1997 से लगातार किया जा रहा है। जिसमें जिले भर के हजारों श्रद्धालु प्रसाद ग्रहण करते है। पूर्व मंत्री स्वर्गीय इंद्रजीत कुमार पटेल के मुख्य अतिथित्य में सन् 1999 में पूजा पार्क सीधी में केसरवानी समाज के अध्यक्ष के पद पर रहकर आपके द्वारा निःशुल्क कन्या विवाह कराया गया, जिसमे 80 जोड़ों को घरेलू सामग्री भेट स्वारूप प्रदाय की गई थी । केसरवानी समाज के अध्यक्ष पद पर रहते हुये सन् 2003 में 97 लोगों का निःशुल्क ऑपरेशन नेत्रविर में कराया गया, जिसमें स्व. इंद्रजीत कुमार पटेल द्वारा कंबल एवं फल वितरण कराया गया।

इन तमाम गतिविधियों के अतिरिक्त भोला गुप्ता सक्रिय रुप से अपने समाज के लिए कार्य करते रहते हैं विगत नगर पालिका चुनाव में भी आपके द्वारा कांग्रेस के बैनर तले चुनाव लड़ा गया था। भोला गुप्ता विगत 30 वर्शो से कांग्रेस पार्टी में सक्रिय सदस्य हैं साथ ही पार्टी हित में कार्य कर रहे हैं आपने सन् 1985 में पूर्व मंत्री स्व. श्री इंद्रजीत कुमार पटेल जी के द्वारा पार्टी में सक्रिय सदस्यता प्राप्त किया एवं युवावस्था में व्यवसायियों को एक सूत्र में बांध कर कांग्रेस पार्टी के कार्यों एवं विचार धाराओं का समर्थन करते हुए कार्य में मदद किया। समाज के संगठन एवं व्यापारिक संगठन के माध्यम से मंत्री स्व. श्री इंद्रजीत कुमार पटेल जी का नागरिक अभिनंदन भी इनके द्वारा किया गया। कांग्रेस पार्टी में रहकर पार्टी कार्यकर्ता के हैसियत से जिला एवं संभाग एवं प्रदेश (विधानसभा / लोकसभा) स्तर तक पार्टी के हित में कार्य करते रहे हैं किंतु भोलादास को भोलेनाथ का आज तक प्रसाद नसीव नही हुआ , जैसा नाम वैसा काम यानी वाकई भोलादास भोलेभाले हैं जिनके भोलेपन का यंहा पर्याप्त शोषण होता है ।


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✍️ डॉक्टर कैलाश तिवारी📱
रिटायर्ड पशु चिकित्सक

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चर्चित चेहरे चार में आज चिकित्सकीय क्षेत्र से हमारे मेहमान हैं जिले के प्रतिष्ठित ख्याति प्राप्त समाज सेवी कहें या जनप्रतिनिधि परिवार से जुड़े तिवारी परिवार के एक वरिष्ठ सदस्य जिन्होंने अपने परिवार की परम्परा को आगे बढ़ाते हुए समाज हित में कार्य कर जिले में अपना नाम रोशन किया है । जी हाँ हम बात कर रहे है स्वतंत्रता संग्राम सेनानी सर्वोदय नेता स्वर्गीय चंद्रप्रताप तिवारी के पुत्र और चुरहट विधायक शरदेन्दु तिवारी के चाचा श्री डाक्टर कैलाश तिवारी कि.....
डाक्टर कैलाश तिवारी का जन्म 4 मार्च 1951 को सीधी जिले में हुआ इनकी प्राथमिक शिक्षा सीधी खुर्द से संपन्न हुई इसके बाद इन्होने उत्कृष्ट विद्यालय सीधी से हायर सेकंड्री की परीक्षा पास की, मोतीलाल विज्ञान महाविद्यालय भोपाल से Bsc प्रथम वर्ष के उपरांत इन्होने 1970 में BVSC बिटनरी कालेज जबलपुर से शिक्षा ग्रहण की 1974 में BVSC की परीक्षा उत्तीर्ण कर MVSC में एडमीशन (गायनिक) में लिया ।
सन 1975 में इनकी शासकीय सेवा की शुरुआत हुई जहां इनकी पहली पोस्टिंग भोपाल में हुई फिर क्रम बढ़ता ही गया जिसके बाद इन्होने सिहोरा में भी अपनी सेवाए दी,सन 977 में सतना,1980 में सिवनी और 1983 में सीधी में पदस्थ हो गये सीधी के बाद इन्होने 2001 में उमरिया और फिर सीधी आ गए डाक्टर श्री तिवारी ने 2007 में बतौर डिप्टी डायरेक्टर सीधी में अपनी सेवाए दी और फिर 2009 में शहडोल में उपसंचालक पद पर कार्य करते हुए मार्च 2011 में सेवानिवृत्त हो गए ।

डाक्टर कैलाश तिवारी के बारे में बात करे तो एक डाक्टर होने के साथ साथ एक अच्छे व्यक्तित्व के भी आप धनी हैं , आपके द्वारा पशु नश्ल सुधार के क्षेत्र में प्रसंसनीय कार्य किये गए है । सन 1994 से आपके द्वारा निरंतर पूर्व वनमंत्री व सर्वोदय नेता स्वातंत्रता संग्राम सेनानी रहे स्वर्गीय चन्द्रप्रताप तिवारी जी की व्याख्यान माला के आयोजन में उल्लेखनीय भूमिका रही है । सेवानिवृत्ति के बाद वर्तमान समय पर आप सन 2018 से संजय टाइगर रिजर्व सीधी में अनुभूति कार्यक्रम में मास्टर ट्रेनर की भूमिका अदा कर रहे हैं । स्कूली छात्रों को वन एवं वन्यप्राणियों के प्रति जन जागरूकता का कार्य किया जा रहा है । आप राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण के बतौर प्रतिनिधि हैं । टाइगर और तेंदुआ की मौत अथवा कोई घटना घटित होने पर आपकी मौजूदगी में पोष्टमार्टम MLC में अभी भी संहयोग लिया जाता है । राजनीतिक घराने से तालुकात रखने वाले डॉक्टर कैलाश तिवारी ने अपने आपको अलग रखा , प्रशासनिक क्षेत्र के साथ साथ समाजसेवा के प्रति अभी भी रुचिकर हैं किंतु सरल सहज के व्यक्तित्व हैं यह कहना अतिश्योक्ति नही होगा ।


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✍️ कमलेश शर्मा📱
संगीत शिक्षक
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सीधी जिले में कलाकारों कि कमी नहीं है, गांव गांव में कला बसी हुई है और कलाकारों कि भरमार है, कुछ जिले में है तो कुछ जिले के वाहर भी विंध्य की मिट्टी की महक छत्तीसगढ़ में महका रहे हैं , सीधी जिले के एक छोटे से गांव से चलकर छत्तीसगढ़ में अपनी कला की छाप छोड़ने वाले कलाकार हैं संगीत शिक्षक कमलेश शर्मा .....

जी हां जिले के सेमरिया क्षेत्र अंतर्गत ओबरहा गांव निवासी कमलेश शर्मा एक संगीतकार भी है और संगीत के शिक्षक भी हैं। आपका जन्म 5 अगस्त 1985 को ओबरहा गांव के एक सामान्य परिवार में हुआ है । प्रारंभिक शिक्षा के बाद शास्त्रीय गायन संगीत में - संगीत के मास्टर कि डिग्री हासिल कि, इसके अतिरिक्त,लाइट म्यूजिक डिप्लोमा,कर्नाटक संगीत डिप्लोमा कि उपाधि ग्रहण कि। आप वर्तमान में दिल्ली पब्लिक स्कूल बाल्को कोरवा छत्तीसगढ़ में संगीत शिक्षक के पद पर कार्यरत हैं।

संगीत के जन्मजात संस्कार से संपन्न युवा गायक कमलेश शर्मा के प्रारंभिक संगीतिक शिक्षा अपने पिता श्री गुरुसंत शर्मा एवं सतना (मप्र) के प्रसिद्ध गायक श्री विनोद मिश्र के द्वारा हुई। वर्षों के गहन अभ्यास के पश्चात् आप शास्त्रीय संगीत की शिक्षा पं. सतीश इन्दूरकर, डॉ. वीणा विश्वरूप, डॉ. सुनीता भाले से प्राप्त की। सुमधुर कंठ के धनी आपकी सुगम संगीत में विशेष रूचि होने के कारण आप सुगम संगीत की विधिवत शिक्षा डॉ. नमन दत्त से प्राप्त की। देशभर में आयोजित होने वाले विभिन्न संगीत समारोहों में आपने अपने कुशल गायन से श्रेताओं को मंत्रमुग्ध किया है। संगीत के नेताओं के अतिरिक्त कलाकारों एवं प्रेस ने भी आपकी विभिन्न प्रस्तुतियों की खूब प्रशंसा की। आपने अपने सुमधुर गायन शैली से अनेक उपलब्धियां हासिल की है। जिनमें मानव संसाधन विकास मंत्रालय नई दिल्ली द्वारा राष्ट्रीय छात्रवृत्ति
अखिल भारतीय किरण संगीत समारोह कटनी 2006, गजल गायन प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त किया और स्व श्री की उपाधि एवं स्वर्ण पदक से सम्मानित हैं ।

कमला देवी संगीत महाविद्यालय रायपुर में राज्य स्तरीय सुगम संगीत प्रतियोगिता में प्रथम स्थान आकाशवाणी रायपुर के नियमित कलाकार देश के अनेक प्रतिष्ठित समारोहों में सफल प्रस्तुति, भोरमदेव महोत्सव, चक्रधर समारोह, गजल फेस्टिवल भोपाल आदि आयोजनों आपकी प्रस्तुति उल्लेखनीय रही है । वाकई छत्तीसगढ़ राज्य में आवाद मध्यप्रदेश के विंध्य क्षेत्र की मिट्टी की महक महकाने वाले इस युवा कलाकार की प्रसंसा जितनी करें कम होगी ।

🌹शुभकामनाएं 🌹



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✍️ गीतांजली त्रिपाठी📱
बुशू खिलाड़ी

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चर्चित चेहरे में आज कि हमारी मेहमान नारी शक्ति की प्रतीक हैं और अपने हुनर के दम पर उसने अपना नाम रोशन किया और इस प्रतिभा की प्रशंसा जिले के कलेक्टर से लेकर फिल्म स्टार तक कर चुके हैं और यह आज अपने हुनर के दम पर ही सीधी जिले से निकल कर देश की राजधानी में अपनी सेवा दे रही हैं । आज की हमारी ऐसी ही प्रतिभा की धनी महिला शक्ति की प्रतीक जिले की बेटी है गीतांजली त्रिपाठी जी हाँ गीतांजली एक पुलिस कर्मी की बेटी है ....
गीतांजली का जन्म 10 मई 1999 को ग्राम करही तहसील रामपुर बघेलान जिला सतना में हुआ । इनके पिता सीधी जिले में ही पुलिस विभाग में कार्यरत है, गीतांजली की शिक्षा की शुरुआत जिले के पुलिस लाइन स्थित शिवराज स्मृति विद्यालय से हुई जहाँ इन्होने प्राथमिक से 8 वी तक की शिक्षा ग्रहण की और पुलिस लाइन में ही अपने कोच मानिंद शेर अली खान की देख रेख में अभ्यास शुरू किया ,9 से 12 वी पढाई इन्होने भोपाल के स्पोर्ट अथारिटी आफ इण्डिया भोपाल सांई से पूरी की । बचपन से बुशू के प्रति रुझान होने पर आज एक अच्छी खिलाड़ी होकर खेल विधा से सेंट्रल गवर्मेंट दिल्ली में सस्त्र सीमा बल दिल्ली में कार्यरत ह ।

जिले के लिए ये बहुत गर्व की बात है कि गीतांजली जैसी वूशू खिलाड़ी जिले से उभर कर जिले का नाम रोशन कर रही है खेल के अलावा इनकी रूचि डांस और टूर ,में भी है गीतांजली एक होनहार छात्रा भी रही है खेल के साथ साथ वर्तमान में ये बीए फाइनल दिल्ली यूनिवर्सिटी से कर रही है ।
गीतांजली कहती है कि मुझे बहुत गर्व होता है कि मैं एक वूशु की खिलाड़ी हूं,मैने वूशु स्टेज में कई मेडल प्राप्त किए हैं नेशनल में चार ब्राउंस 11 सिल्वर 3गोल्ड है, अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में ब्राउन्स मेडल प्राप्त किया है जो कि 2015 में मंगोलिया चाइना में हुआ था । तत्कालीन कलेक्टर विशेष गढ़पले ने मुझे 2015 में महिला बाल विकास का ब्रांड एम्बेसडर बनाया था और मंत्री, सांसद,पुलिस अधीक्षक व अन्य के द्वारा सम्मानित भी करवाया गया था ।
हाल ही में हुई 30वी सीनियर नेशनल वूशु चैंपियनशिप भोपाल 2021 जो कि भौरी पुलिस एकेडमी मे 04/12/21से 09/12/21 तक आयोजित हुई थी में गीतांजली ने प्रतियोगिता में सिल्वर मेडल प्राप्त किया है । इन्होने पुलिस लाइन वुशू ट्रेनिंग सेंटर सीधी में 2009 से प्रैक्टिस करना शुरू किया जहाँ इनके कोच मानिद शेर अली खान ने इन्हें ट्रेनिंग दी, 2014 में इनका चयन स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया भोपाल में हुआ इस गेम को जारी रखते हुए इन्हें कई समस्याओं का सामना करना पड़ा जैसे कि लोगों की बातें अनसुना करना की लड़की है क्यों खेल रही है लड़कों के साथ क्यों फाइट कर रही है कभी-कभी तो इन्हें प्रेक्टिस से लेट हो जाया करता था पर गीतांजली की माने तो इनके परिवार ने इन्हें बहुत सपोर्ट किया ये बताती है कि मेरे पेरेंट्स जिन्होंने मुझे कभी किसी चीज के लिए नहीं रोंका-टोंका , मै उनका शुक्रिया अदा करती हूं जिन्होंने मुझे सपोर्ट किया मैं आज इस मुकाम पर हूं मुझे भोपाल मे पुलिस आाला अधिकारियों द्वारा सम्मानित किया गया व फिल्म स्टार अक्षय कुमार के द्वारा सम्मानित किया गया है मैं देश के लिए कई मेडल लाऊंगी ।


इतने संघर्ष के बाद भी अपने खेल को जारी रखने वाली गीतांजली के हौसले को सलाम है लेकिन बावजूद इसके दुर्भाग्य की बात है कि प्रदेश की इस लाडली को मध्यप्रदेश शासन द्वारा कोई सेवा नहीं प्रदाय की गई और मध्यप्रदेश में कोई भी नौकरी नहीं मिलने की स्थिति में घर परिवार छोड़कर महिला होकर देश की राजधानी दिल्ली में गीतांजलि सरकारी सेवा में सेवारत रहते हुये अपने पिता श्री का नाम रोशन कर रही है , जरूरत है गीतांजलि के हुनर और योग्यता के अनुसार उसे घर वापसी की ....

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