भोपाल (ईन्यूज एमपी)-कैंसर के मरीजों के लिए राहत भरी खबर है। सरकार ने मध्य प्रदेश में भोपाल, इंदौर और रीवा मेडिकल कॉलेज में लीनियर एक्सीलरेटर से कैंसर मरीजों का इलाज शुरू होगा। 4 जनवरी को होने वाली शिवराज कैबिनेट की बैठक में योजना को मंजूरी दे दी है। वर्तमान में मेडिकल कॉलेजों से संबद्ध अस्पतालों में कैंसर के मरीजों का इलाज कोबाल्ट मशीन से किया जाता है। यह इलाज की पुरानी टेक्नीक है। इसकी जगह लीनियर एक्सीलेटर उपलब्ध कराया जाएगा, जिससे मरीजों को रेडिएशन से होने वाले साइड-इफेक्ट कम झेलने होंगे। यह मशीन कैंसरग्रस्त सेल्स को टारगेट करेगी। इससे सामान्य सेल पर रेडिएशन का बुरा असर नहीं पड़ेगा। चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रस्ताव में कहा गया है कि प्रदेश में अभी 13 लीनियर एक्सीलेटर उपकरण उपलब्ध हैं। इनमें से मात्र एक एम्स में चालू है। इसकी वजह से मरीजों को इलाज के लिए प्राइवेट अस्पताल या राज्य के बाहर जाना पड़ता है, जिससे उन पर अतिरिक्त बोझ पड़ता है। इसे देखते हुए तय किया गया कि भोपाल, इंदौर और रीवा मेडिकल कॉलेजों से संबद्ध अस्पतालों में लीनियर एक्सीलेटर की स्थापना पीपीपी के तहत की जाएगी। संचालन का काम समाज सेवा से जुड़ी संस्था द्वारा किया जाएगा। चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि कोबाल्ट मशीन से कैंसर ट्यूमर के क्षेत्र से एक-दो सेंटीमीटर अधिक क्षेत्र में रेडिएशन दिया जाता है, जिसके कारण स्वस्थ कोशिकाएं भी प्रभावित होती हैं। मरीज को कमजोरी, खून की कमी, सूजन जैसी समस्या होती है। कई मरीज इलाज अधूरा छोड़ देते हैं, जबकि लीनियर एक्सीलेटर कैंसर उपचार के लिए आधुनिक तकनीक का उपकरण है। ट्रेनिंग के लिए प्राइवेट हाॅस्पिटल भेजा जाता है प्रस्ताव में कहा गया है कि मेडिकल स्टूडेंट्स को ट्रेनिंग के लिए अभी प्राइवेट हाॅस्पिटल में भेजा जाता है। इन मशीनों को खरीदने में 105 करोड़ और संचालन में 146 करोड़ रुपए का खर्च आएगा। इसे देखते हुए प्रस्तावित किया है कि उपकरण खरीदने, संचालन और संधारण का काम प्राइवेट संस्था करेगी। यह संस्था सुबह 8 से शाम 5 बजे तक कॉलेज द्वारा भेजे जाने वाले मरीजों का इलाज प्राथमिकता से करेगी। इसका खर्च मेडिकल कॉलेज वहन करेगा। संस्था हर महीने मरीजों की संख्या के आधार पर बिल बनाकर मेडिकल कॉलेज को भेजेगी। वहां से पेमेंट किया जाएगा। ऐसे होता है इलाज लीनियर एक्सीलरेटर से सीधे कैंसर ट्यूमर वाले हिस्से पर रेडिएशन डाला जाता है, जो दूसरे सेल को खत्म करने के बजाय केवल कैंसर सेल को खत्म करता है। इसमें दूसरी मशीनों के मुकाबले ज्यादा रेडिएशन निकलता है। इसी कारण इसे चलाने के दौरान रेडिएशन ऑन्कोलॉजिस्ट का होना जरूरी है। सेवानिवृत लोकायुक्त-उप लोकायुक्त को मिलेगी परिवार पेंशन राज्य सरकार लोकायुक्त व उप लोकायुक्त को रिटायरमेंट के बाद परिवार पेंशन की सुविधा देगी। इसके लिए शिवराज कैबिनेट लोकायुक्त एवं उप लोकायुक्त नियम 1982 में संशोधन प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई। इस संबंध में जबलपुर हाईकोर्ट ने 2015 निर्देश दिए थे कि लोकायुक्त एवं उपलोकायुक्त की सेवा शर्तें उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की सेवा शर्त 1954 के अनुसार होंगी। इसके बाद भी शासन ने निर्णय नहीं लिया। परिवार पेंशन के संबंध में तीन याचिकाएं न्यायालय में लंबित हैं। इसके मद्देनजर अब नियम में संशोधन किया जा रहा है। इन प्रस्तावों को भी मिली मंजूरी बालाघाट स्थित अंबेडकर चौक में कमर्शियल टैक्स डिपार्टमेंट की प्रापर्टी को 7 करोड़ 21 लाख रुपए में अभिनव कंस्ट्रक्शन को बेचने की अनुमति देने पर विचार किया गया। इसी तरह पशु नस्ल विकास, रोजगार सृजन, पशुओं की उत्पादकता बढ़ाने और उद्यमिता विकास को बढ़ावा देने के लिए नवीन पशुधन मिशन का क्रियान्वयन करने को लेकर निर्णय लिया गया।