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Home मध्य प्रदेश पंचायत चुनाव आरक्षण पर सवाल..?सात साल की सरपंची, पुराने आरक्षण पर आगे भी कायम दावेदारी.....

पंचायत चुनाव आरक्षण पर सवाल..?सात साल की सरपंची, पुराने आरक्षण पर आगे भी कायम दावेदारी.....

भोपाल (ईन्यूज एमपी)- प्रदेश में इस बार ग्राम, जनपद और जिला पंचायतों का कार्यकाल पांच के बजाय सात का रहा। इसी कारण सरपंचों सहित अन्य पदाधिकारियों का कार्यकाल पांच के बजाय सात साल का हो गया। सात साल बाद चुनाव होने जा रहे हैं, लेकिन वह भी वर्ष 2014 के समय के पुराने आरक्षण के आधार पर। ऐसे में कई ग्राम पंचायतों में आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों की ही दावेदारी कायम रहेगी और सामान्य या अनारक्षित वर्ग इस बार भी चुनाव में हिस्सा नहीं ले पाएंगे। बताया जाता है कि इस मुद्दे पर हाईकोर्ट में याचिका भी लगी है


दरअसल, राज्य शासन ने गत वर्ष सभी पंचायतों का दोबारा परिसीमन किया था। इस कारण कई जिलों में ग्राम पंचायतों की संख्या बढ़ गई थी। पर अचानक सरकार ने वर्ष 2014 केे पुराने परिसीमन के आधार पर ही पंचायत चुनाव कराने का फैसला कर लिया। इस कारण अब वर्ष 2014 में जितनी पंचायतें थी, उसी अनुसार चुनाव कराया जाएगा। पर इसमें आरक्षण भी उसी वर्ष का रखा गया है।

जबकि नए परिसीमन के बाद नए सिरे से पदों का आरक्षण भी हो चुका था। इसे लेकर सामान्य और अनारक्षित वर्ग की ओर से दावेदारी करने वालों में चुनाव को लेकर रोष है। उनका कहना है कि ताजा आरक्षण को रद कर शासन ने पुराने आरक्षण को ही लागू रखकर हमारा हक मारा है। लोगों का कहना हैं कि शासन के इस नए नियम से कई सारी विसंगतियां पैदा हो रही हैं लंबे समय से चुनाव की आस में बैठे लोगों के आस पर पानी फिर गया है साथ ही इस प्रक्रिया के कारण कई सारे लोगों के हक मारे जा रहे हैं खैर अब जो भी हो चुनावों की घोषणा के बाद अब चुनावों की आस है देखना यह है कि चुनाव आगे होता है या 7 साल का कार्यकाल और आगे बढ़ता है.....?

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