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Home मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने मांगा थानेदार से जवाब, तहसीलदार का आदेश मानने में क्यों हो रही देरी.....

हाई कोर्ट ने मांगा थानेदार से जवाब, तहसीलदार का आदेश मानने में क्यों हो रही देरी.....

इंदौर(ईन्यूज एमपी)- बेटे-बहू की प्रताड़ना से दुखी माता-पिता ने प्रशासन के समक्ष मदद की गुहार लगाई। तहसीलदार ने इस संबंध में बेटे-बहू को नोटिस जारी कर उपस्थित होने के लिए कहा। नोटिस लसूडिया थाने पहुंच भी गया लेकिन महीना भर बाद भी नोटिस की तामिली नहीं हो सकी। दुखी माता-पिता ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। कोर्ट ने लसूडिया थाना प्रभारी को नोटिस जारी कर पूछा है कि उन्हें तहसीलदार द्वारा जारी नोटिस की तामिली कराने में क्या दिक्कत है। महीने भर बाद भी तामिली क्यों नहीं हो रही। मामले में अगले सप्ताह सुनवाई होना है।

मामला लसूडिया थाना क्षेत्र में रहने वाले एक सेवानिवृत्त सेना के अधिकारी और उनकी पत्नी का है। अधिवक्ता गगन बजाड़ ने बताया कि सेना से सेवानिवृत्त हुए अधिकारी के मकान पर उन्हीं के बेटे-बहू ने कब्जा कर लिया है। उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित करने के लिए गाली गलौच और मारपीट की जाती है। इस संबंध में बुजुर्ग दंपती द्वारा लसूडिया पुलिस थाने में शिकायत भी दर्ज कराई गई लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इस पर दंपती ने मप्र माता-पिता भरण पोषण अधिनियम के अंतर्गत अपनी जान व माल के संरक्षण के लिए तहसीलदार के समक्ष आवेदन प्रस्तुत किया।

तहसीलदार इस संबंध में नोटिस जारी कर इसे तामिली के लिए लसुडिया पुलिस थाने भेज दिया गया लेकिन बेटे ने अपनी पहचान का फायदा उठाकर नोटिस की तामिली महीनेभर से रोक रखी है। इस पर बुजुर्ग दंपती ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर मदद की गुहार लगाई। न्यायमूर्ति सुबोध अभ्यंकर ने याचिकाकर्ता के तर्क सुनने के बाद लसुडिया पुलिस थाना प्रभारी से पूछा है कि आखिर उन्हें तहसीलदार जारी नोटिस की तामिली में क्या दिक्कत है। याचिका में 24 नवंबर को सुनवाई होना है।

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