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जननायक ब्रह्मलीन श्री इंद्रजीत कुमार की स्मृति में आरंभ हुआ श्रीरामचरितमानस सम्मेलन......

सीधी (ईन्यूज एमपी)-सुपेला ग्राम में जननायक ब्रह्मलीन पूर्व मंत्री श्री इंद्रजीत कुमार की स्मृति में आयोजित तीन दिवसीय श्री रामचरित मानस प्रथम सम्मेलन का आरंभ आज मंगलवार से आरंभ हुआ।
विधायक एवं पूर्व मंत्री श्री कमलेश्वर पटेल ने बताया इस मानस सम्मेलन में श्री तुलसीदास जी महाराज,परमहंस आश्रम मिर्जापुर, श्री शशि भूषण दास जी महाराज, अयोध्या धाम,अयोध्या। साध्वी पुष्पा रामायणी जी कामतानाथ धाम चित्रकूट, श्री भैरव दास जी महाराज पीठाधीश्वर, प्रयागराज,
श्री हरि शंकर जी अनुरागी मिर्जापुर,
डॉ नवल किशोर मिश्रा जी प्रवक्ता विधि संकाय बनारस हिंदू विश्वविद्यालय,बनारस के विद्वान अतिथि रहेंगे जिनकी अमृत मयी ज्ञान वाणी से प्रतिदिन दोपहर 12:00 से 6:00 तक मानस के प्रसंगों के माध्यम से उपदेश एवं प्रवचन होंगे।

शोभा यात्रा
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ग्राम के शिवालय मंदिर से शोभायात्रा प्रवचन स्थल तक निकली गई।इसमें ढ़ोल-ठमाकों एवं धार्मिक जयकारों की जय-जयकार हुई।

शोभा यात्रा के कलश स्थापना के बाद व्यासपीठ पूजन,आचार्य पूजन एवं स्वस्तिवाचन हुआ। इसके बाद श्री शशि भूषण दास जी महाराज, साध्वी पुष्पा रामायणी जी ने कथा आरम्भ करते हुए कहा कि रामचरित मानस वह आदर्श और अनुकरणीय ग्रंथ है। इसमें भ्रातृ-स्नेह का राम,लक्ष्मण, भरत तथा शत्रुघ्न चारों भाइयों का परस्पर स्नेह महान और उत्तम है। माता का भी आदर्श रामचरितमानस में उपस्थित किया है।उन्होंने कहा कि पिता-पुत्र का सम्बंध भी रामचरितमानस में आदर्श है। चौदह वर्ष वनवास की बात को लघु बात समझते हैं। रामचरितमानस में गुरु-शिष्य सम्बंध का आदर्श भी उत्तम है। स्वामी-सेवक सम्बन्धों की मर्यादा का पालन कई स्थलों पर हुआ है।
हनुमान का सेना-भाव तो जगत प्रसिद्ध है। रामचरितमानस राम-सुग्रीव का मैत्री भाव आदर्श उपस्थित करता है। इस प्रकार हम देखते हैं कि रामचरितमानस में विभिन्न प्रकार के आदर्श सम्बंध हैं।
रामचरितमानस में तुलसीदास जी ने भगवान श्रीराम जी के चरित्र पर पूर्णतया प्रकाश डाला है जो अपने-आप में अनूठा है।
विधायक श्री पटेल सभी से आग्रह किया है फिर कुछ समय निकालकर इस मानस सम्मेलन में भाग लेकर विद्वानों को सुनकर उनके उपदेशों को आत्मसात करें।
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