पथरौला/सीधी (ईन्यूज यमपी):-- जिले के मझौली तहसील क्षेत्र अंतर्गत ग्राम टिकरी में टोंको-रोको-ठोंको क्रांतिकारी मोर्चा के संयोजक उमेश तिवारी के नेतृत्व में "रेत माफिया भगाओ अपनी नदी बचाओ"आंदोलन में जहां क्रांतिकारी मोर्चा एवं ग्रामीणों ने रेत ठेकेदार के विरुद्ध ताल ठोक कर मैदान में आ गए वहीं कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रशासन भी मुस्तैद रहा। आंदोलन में सभा की संबोधित करते हुए उमेश तिवारी ने कहा कि जिस तरह विधायिका के लोग एवं कार्यपालिका के लोग यानी सांसद, विधायक व जिला प्रशासन द्वारा रेत माफिया को खुला संरक्षण दिया जा रहा है। जिसका नतीजा है कि रेत अधिनियम के संबंध में जारी प्रावधानों को ठेंगा दिखाते हुए ठेकेदार द्वारा मनमानी तौर पर रेत उत्खनन एवं परिवहन किया जा रहा है ऐसी स्थिति में आम नागरिकों के पास आंदोलन के सिवाय दूसरा कोई रास्ता नहीं बचा है। क्योंकि जिन्हें रेत अधिनियम का पालन कराना है और मनमानी पर जिन निर्वाचित सांसद या विधायक को सवाल पूछना चाहिए ऐसे जिम्मेवार लोग मौन धारण किए हुए हैं। इसलिए आम जनता के दावे की पुष्टि होती है कि रेत माफिया के साथ इन लोगों की हिस्सेदारी है। वहीं रेत ठेकेदार एवं प्रशासन को सख्त लहजे में कहा गया कि ऐसे लोग यह भ्रम न पालें की उनके ऐसे काले कारनामे से स्थानीय लोग चुप रहेंगे। अगर यहां के ग्रामीण ऐसी स्थिति में आंदोलित हो जाएंगे तो फिर ना तो रेत ठेकेदार का पता चलेगा और ना ही उसके हिस्सेदारों का रेत के काले कारोबार को लेकर कहा गया कि चाहे जिस पार्टी की सरकार रही हो निर्वाचित सांसद विधायकों की नजर रेत कारोबार में रही है, और बराबर हिस्सेदारी लेते रहे हैं। इसलिए कानून सम्मत मांग की जाती है कि जब गजट में रेत अधिनियम के सारे प्रावधान लिखित रूप से मौजूद है तो उनका पालन क्यों नहीं कराया जा रहा है और अगर इसी तरह मनमानी होती रहेगी तो आंदोलन वृहद रूप से किया जाएगा। आगे कहा गया कि ठेकेदार द्वारा संचालित रेत खदान डालापीपर,टिकरी,भुमका,निधिपुरी,गोतरा एवं अन्य खदानों का संचालन बिना सीमांकन कराएं मनमानी तरीके से किया जा रहा है जिन्हें सीमांकितकिया जाए।रेत खदानों में ठेकेदार द्वारा मनमानी तरीके से रॉयल्टी के नाम पर कई गुना ज्यादा कीमत वसूली जाती है रेत सूची चस्पा किया जाय, गजट में प्रावधान है कि मध्यप्रदेश शासन एवं स्वच्छ भारत मिशन व पंचायतों द्वारा कराए जा रहे शासकीय कार्यों जैसे प्रधानमंत्री आवास योजना स्वच्छ भारत के कार्य में उचित दर पर रेत उपलब्ध कराई जाए किंतु इसका भी पालन नहीं किया जा रहा है वहीं अनुसूचित जाति एवं जनजाति तथा कामगार मजदूर एवं स्थानीय किसानों को प्रतिवर्ष निजी कार्य हेतु 10 घनमीटर रेत उपलब्ध कराए जाने का प्रावधान है इसका भी पालन नहीं हो रहा है। रेत उत्खनन स्थानीय श्रमिकों से कराया जाना चाहिए लेकिन पोकलेन मशीन लगाकर मनमानी तरीके से उत्खनन कराया जा रहा है वहीं रेत ठेकेदार के कर्मचारियों द्वारा स्थानीय लोगों से मारपीट एवं अभद्रता भी की जाती है और भय का माहौल निर्मित किया जाता है जो सर्वथा निंदनीय है। सभा को कई सामाजिक कार्यकर्ता एवं स्थानीय लोगों द्वारा भी संबोधित किया गया जिनमें विनय मिश्रा, शालिक द्विवेदी कार्यकर्ता क्रांतिकारी मोर्चा,ज्योतिप्रकाश नामदेव सामाजिक कार्यकर्ता, शिव कुमार सिंह कार्यकर्ता क्रांतिकारी मोर्चा,एवं टिकरी सरपंच पति श्रीनिवास साकेत,निगरी सरपंच सिद्धनाथ साहू,शारदा कुशवाहा निवास, रजनीश तिवारी,शैलेंद्र सिंह चौहान सहित दर्जनों वक्ताओं ने ठेकेदार की मनमानी एवं अवैध रेत उत्खनन परिवहन पर मुखर हुए।कार्यक्रम का संचालन सामाजिक कार्यकर्ता राजकुमार तिवारी द्वारा किया गया। प्रशासन के आश्वासन पर समाप्त हुआ आंदोलन-- बताते चलें कि आयोजित आंदोलन अनिश्चितकालीन था इस बात का उल्लेख ज्ञापन पत्र में भी था कि जब तक ज्ञापन पत्र के सभी बिंदुओं का समाधान नहीं निकाला जाएगा तब तक आंदोलन अनिश्चित काल के लिए जारी रहेगा लेकिन उपखंड अधिकारी मझौली एवं तहसीलदार व अनुविभागीय अधिकारी पुलिस के साथ ही खनिज विभाग के अधिकारी आंदोलन स्थल पर पहुंचकर संवाद किए जिसमें इस बात पर सहमति बनी की रेत अधिनियम के गजट में लिखित प्रावधानों का पालन होना चाहिए ताकि स्थानीय लोगों को आसानी से एवं उचित रेट पर रेत उपलब्ध हो सके जिसके लिए उपखंड अधिकारी द्वारा आश्वासन दिया गया कि तीन-चार दिन के अंदर जिला प्रशासन से बात कर रेत से संबंधित सभी विभाग जैसे खनिज विभाग, राजस्व विभाग, पुलिस विभाग एवं आंदोलन का नेतृत्व कर रहे लोगों के साथ बैठकर चर्चा की जाएगी और समाधान निकाला जाएगा तब जाकर आंदोलन समाप्त किया गया।